Watch Video: बीबी-का-आलम की एक झलक पाने को पहुंच रहे सैकड़ों लोग - बीबी का आलम की एक झलक
हर साल हजारों लोग बीबी-का-आलम की एक झलक पाने के लिए हैदराबाद के पुराने शहर में इकट्ठा होते हैं. ये मुहर्रम के पहले, इस्लामिक महीने के दौरान निकाला जाने वाला सालाना जुलूस है. यहां आई एक महिला ने कहा कि बीस साल से हम लोगों का आना-जाना लगा रहता है. मन्नत भी करें तो पूरी होती है. बच्चे की मन्नत थी वो पूरी हुई तो हम आए इस बार. एक अन्य मुस्लिम श्रद्धालु ने कहा कि मैं बचपन से यहां आ रहा हूं. पिछले कुछ सालों से मैं बाहर था, इसलिए नहीं आ पाया. इस बार सौभाग्य से यहां हूं. मुहर्रम, कर्बला की लड़ाई में इमाम हुसैन और उनके अनुयायियों की मौत के शोक में मनाया जाता है. कुतुब शाही शासनकाल के पूरे इतिहास में, अज़ादारी मतलब शोक की इस परंपरा को काफी सम्मान दिया गया है. ये जुलूस दबीरपुरा में अलावा-ए-बीबी से शुरू होता है और चादरघाट पर समाप्त होता है. एक अन्य महिला ने कहा कि मैं यहां बचपन से आती हूं. यहां पर जो मन्नत मांगते हैं वो पूरी होती है. फ्राइडे, थ्रसडे हम हमेशा यहां आते हैं.