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बच्चों के हाथों से बन रहा कोविड टेस्ट किट, जिंदगी से हो रहा खिलवाड़ - आरटीपीसीआर स्वैब टेस्टिंग स्टिक की पैकिंग

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Published : May 6, 2021, 9:49 AM IST

Updated : May 6, 2021, 10:15 AM IST

ठाणे : कोरोना की जांच के लिए आरटीपीआर टेस्ट करवाया जाता है. इस टेस्ट से पता चलता है कि मरीज संक्रमित है या नहीं. इंसान के नाक में और गले में स्टिक डालकर स्वैब लिया जाता है. लेकिन जब पता चले कि इन स्वैब स्टिक की पैकिंग असुरक्षित ढंग से हो रही हो तो क्या हो? ऐसा ही एक मामला महाराष्ट्र से सामने आया है. यहां ठाणे जिले के उल्हासनगर कैम्प 2 के खेमानी इलाके में कई घरों में स्वैब स्टिक की पैकिंग कराए जा रहे हैं. इस काम को महिलाएं और छोटे-छोटे बच्चे कर रहे हैं. इनके हाथों में ग्लव्स है, न चेहरे पर मास्क. यहां तक कि किसी प्रकार की एहतियात बरते बिना यह काम बदस्तूर जारी है. इससे संबंधित एक 49 सेकेंड का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. एक महिला से पूछे जाने पर उसने बताया कि एक हजार स्टिक की पैकिंग के लिए उन्हें 20 रुपये मिलते हैं. इस तरह के काम करवाने वालों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन महिला ने बताया कि किसी ठेकेदार ने उन्हें यह काम सौंपा है.
Last Updated : May 6, 2021, 10:15 AM IST

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