आज की प्रेरणा - हनुमान भजन
जिस तरह प्रकाश की ज्योति अंधेरे में चमकती है, ठीक उसी प्रकार सत्य भी चमकता है. इसलिए हमेशा सत्य की राह पर चलना चाहिए. जो व्यक्ति सभी कामनाओं को त्याग कर इच्छा रहित, मम भाव रहित और निरहंकार होकर विचरण करता है, वह शांति प्राप्त करता है. क्रोध से मति मारी जाती है और मनुष्य की बुद्धि नष्ट हो जाती है, बुद्धि का नाश होने पर मनुष्य स्वयं का ही नाश कर बैठता है. जानने की शक्ति, सच को झूठ से पृथक करने वाली जो विवेक बुद्धि है, उसी का नाम ज्ञान है. स्वयं अपना उद्धार करें, अपना पतन नहीं क्योंकि तुम ही अपने मित्र और तुम ही अपने शत्रु हो. कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मो से महान बनता है. मानव कल्याण ही भगवत गीता का प्रमुख उद्देश्य है, इसलिए मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करते समय मानव कल्याण को प्राथमिकता देनी चाहिए. जब मनुष्य अपने काम में आनंद खोज लेता है तब वे पूर्णता प्राप्त करते हैं. जिस प्रकार अग्नि स्वर्ण को परखती है, उसी प्रकार संकट वीर पुरुषों को. तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया, जो आज तुम्हारा है कल किसी और का होगा क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है. तेरा-मेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया, मन से मिटा दो फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो.