विदाई मौके पर बोले सांसद, 'कानून बनाने की अहमियत कम, अब डिलीवरी-परफॉर्मेंस पर ज्यादा जोर' - राज्य सभा से विदाई
राज्य सभा से विदाई के मौके पर मनोनीत राज्य सभा सदस्य स्वपन दासगुप्ता ने कहा कि अन्य देशों में संसद को सबसे एक्सक्लूसिव क्लब कहा जाता है. उन्होंने कहा, आज रिटायरमेंट के मौके पर ऐसा लगता है कि अब बहुत जल्द संसद की नई इमारत में संसद सत्र का आयोजन होगा. इस भवन में यह शायद कुछ अंतिम सत्रों में एक है. दासगुप्ता ने कहा, उन्हें कहने में कोई संकोच नहीं है कि भारत की संसद सबसे अधिक विविधतापूर्ण, समाज के हर तबके का प्रतिनिधित्व करने वाली और संभवत सबसे दोस्ताना क्लब है. दासगुप्ता ने कहा, अपने अनुभव के आधार पर वे एक सुझाव देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि संसद का एजेंडा कानून बनाने पर आधारित होता है. यह समय की मांग भी है. उन्होंने कहा, आज हम ऐसे मोड़ पर खड़े हैं, जब कानून बनाने की अहमियत कम हो गई है. अब डिलिवरी, परफॉर्मेंस, और अभिनंदन (felicitation) अहम हो गए हैं. उन्होंने कहा कि जब हम नए संसद भवन में शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं, हमें इस बात पर गंभीरता से विचार करना होगा कि संसद के एजेंडे का फोकस कानून बनाना हो या हम किसी अन्य बात पर फोकस करना चाहते हैं. मनोनीत स्वप्नदास दासगुप्ता ने कहा कि इस सदन में सेवा देकर बहुत गौरवान्वित हुए हैं.