कार्तिक मास के अंतिम सोमवार काे पुजारी भक्ताें पर बरसाते हैं खाैलता तेल, क्या है प्रथा, देखें वीडियाे - पुजारी भक्ताें पर बरसाते हैं खाैलता तेल
कर्नाटक के चामराजनगर जिले के हनुरु तालुक के लोक कनल्ली में सिद्दप्पाजी मंदिर हैं. यहां की एक प्राचीन प्रथा है, जिसमें पुजारी अपने हाथों को खाैलते तेल से भरे बर्तन में डुबोते हैं और उसमें से तला हुआ कज्जया (एक प्रकार का व्यंजन) निकालते हैं. इतना ही नहीं वे खाैलते तेल काे अपने हाथ से भक्ताें पर भी फेंकते हैं. यह प्रथा हर साल कार्तिक मास (माह) के अंतिम सोमवार को होती है. पूजा करने के बाद पुजारी पारंपरिक ढोल की थाप पर नाचते हैं और खाैलते तेल से भरे बर्तन के पास आते हैं. वह कज्जया को हाथों से उठाते हैं और फेंकते हैं. दिलचस्प बात यह है कि उन्हें और भक्तों को जलन या चोट जैसी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है. इसे देखने के लिए जिले के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं.