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POSITIVE BHARAT PODCAST: एक ऐसा सुपरहिट डायरेक्टर, जिसे UP का होने की वजह से कॉलेज में नहीं मिला था एडमिशन

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Published : Apr 10, 2022, 6:26 PM IST

भारत के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता एवं निर्देशक शक्ति सामंत का जन्म 13 जनवरी, 1926 को बंगाल के बर्धमान जिले में हुआ था. उनके पिता एक इंजीनियर थे. शक्ति सामंत सिर्फ दो साल के थे जब उनके सिर से पिता का साया उठ गया था. किसी दुर्घटना में उनके पिता की मृत्यु हो गई थी. सिर से पिता का साया उठने से शक्ति की जिंदगी ही बदल गई, छाेटी सी उम्र में ही उन्हें कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा था. इसलिए उन्हें अपने चाचा के पास यूपी के बदायूं भेज दिया गया. शक्ति सामंत पढ़ाई-लिखाई में काफी तेज थे. कॉलेज की पढ़ाई के बाद वो पिता की तरह इंजीनियर बनने का सपना लेकर कलकत्ता पहुंचे. वहां इंजीनियरिंग के लिए एंट्रेंस का एग्जाम दिया. एग्जाम अच्छे नंबरों से पास भी कर लिया. लेकिन उस टाइम अंग्रेजों का राज था तो एक अलग नियम था. जिसके मुताबिक बंगाल में स्थानीय छात्रों के अलावा बिहार और उड़ीसा के छात्रों को एडमिशन मिलता था. क्योंकि शक्ति अब यूपी के रहने वाले बन चुके थे तो उन्हें एडमिशन नहीं मिला. वहीं, यूपी के कॉलेजों के एडमिशन का टाइम भी निकल चुका था. उनका एक साल बर्बाद होना लगभग तय था. जिसके बाद उन्होंने अपने चाचा के साथ काम करना शुरू कर दिया. इसी बीच शक्ति को एक्टिंग का चस्का लग गया. जिसके बाद वे अपने सपने को पूरा करने के लिए मुंबई चले गए. और फिर 1947 सैंतालिस में जब भारत आजाद हुआ तो देश के साथ-साथ शक्ति सामंत की भी किस्मत पलट गई. मुंबई में हीरो बनने का सपना लेकर आए शक्ति सामंत को शायद खुद भी मालूम नहीं था कि आने वाली पीढ़ियां उन्हें एक सफल निर्देशक के रूप में जानेंगी. शक्ति सामंत का 9 अप्रैल 2009 को मुंबई में निधन हुआ, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री को दी गई उनकी यादगार फिल्मों की बदौलत वो हमेशा याद किए जाते रहेंगे. शक्ति सामंत की कहानी बताती है कि सपने देखने के बाद उन्हें पूरा करने के लिए जी जान लगानी भी जरूरी है. अपनी मेहनत के दम पर आप कोई भी ख्वाब पूरा कर सकते हैं.

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