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Geeta Sar : चर तथा अचर जो भी तुम्हें अस्तित्व में दिख रहा है, वह कर्मक्षेत्र तथा क्षेत्र के ज्ञाता... - bhagvadgita Reading listening

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Published : Jan 3, 2023, 6:10 AM IST

Updated : Feb 3, 2023, 8:38 PM IST

चर तथा अचर जो भी तुम्हें अस्तित्व में दिख रहा है, वह कर्मक्षेत्र तथा क्षेत्र के ज्ञाता का संयोग मात्र है. यदि मनुष्य कर्म फलों का त्याग तथा आत्म-स्थित होने में असमर्थ हो तो उसे ज्ञान अर्जित करने का प्रयास करना चाहिए. सतोगुण मनुष्यों को सारे पाप कर्मों से मुक्त करने वाला है. जो लोग इस गुण में स्थित होते हैं, वे सुख तथा ज्ञान के भाव से बंध जाते हैं. जो व्यक्ति प्रकृति, जीव तथा प्रकृति के गुणों की अन्तःक्रिया से सम्बन्धित परमात्मा की विचारधारा को समझ लेता है उसे मुक्ति की प्राप्ति सुनिश्चित है, उसकी वर्तमान स्थिति चाहे जैसी हो. चर तथा अचर जो भी तुम्हें अस्तित्व में दिख रहा है, वह कर्मक्षेत्र तथा क्षेत्र के ज्ञाता का संयोग मात्र है. Shri krishna. Reading listening Geeta . motivational quotes . Geeta Sar . Aaj ki prerna .
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:38 PM IST

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