मेवात के मुसलमान आज भी बापू को मानते हैं अपना मसीहा
देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 151वीं जयंती मना रहा है. हरियाणा के मेवात के लोग भी अपने मसीहा बापू को याद कर रहे हैं. महात्मा गांधी का मेवात से गहरा नाता था. आजादी के समय देश का विभाजन हो रहा था. दिल्ली के पास मेव समुदाय के एक बड़े हिस्से का निवास था, जो हमेशा आस-पास के राज्यों को खटकता था. उन्हें हर कीमत पर पाकिस्तान भेजने की तैयारी चल रही थी. मेवात के लोग पाकिस्तान नहीं जाना चाहते थे, लेकिन स्थिति उन्हें मेवात छोड़ने के लिए मजबूर कर रही थी. 19 दिसंबर, 1947 को महात्मा गांधी मेवात के गांधी ग्राम के रूप में जाने जाने वाले घासीड़ा आए और मेवातियों की भीड़ को संबोधित किया. महात्मा गांधी ने मेवात के लोगों को पाकिस्तान जाने से रोक दिया. उन्होंने कहा था कि मेव भारत की रीढ़ की हड्डी हैं, उन्हें उनके घर से जबर्दस्ती नहीं निकाला जा सकता है.