Watch Video: चिनाब नदी का तटबंध टूटने से भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे अखनूर गांव में आई बाढ़ - भारत पाकिस्तान सीमा पर बसे अखनूर गांव में बाढ़
जम्मू कश्मीर के अखनूर में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास फत्तू कोटली गांव में रहने वाले लोगों को प्रकृति के भीषण प्रकोप का सामना करना पड़ा. रविवार देर रात गांव के बगल में बहने वाली चिनाब नदी का तटबंध टूटने से उनके घरों में बाढ़ आ गई. अचानक आई बाढ़ ने नदी तट पर लगी बैरिकेडिंग को नष्ट कर दिया, जिससे पानी गांव के अंदर आ गया. इलाके में तैनात पुलिस कर्मियों ने समय रहते बचाव कार्य शुरू कर, ग्रामीणों को बचा लिया.
अखनूर निवासी शौकत अली ने कहा कि ये कम से कम कोई 30 फुट होगा ये पानी, ये जो बैरिकेड थे वो गिर गए, ये कल के गिर गए नीचे. ये हमारा घर है इधर, तो यहां बहुत मुश्किल है. हमने यहां चार बजे सामान को निकाला उधर पीछे और सामान जो है वो इधर ही पड़ा हुआ है. ये सारा पानी पहले उधर बहता था अब ये सारा पानी इस तरफ बह रहा है. गांव के कई लोगों को जान बचाने के लिए सारा सामान छोड़कर ऊंची जगहों पर भागना पड़ा. अब वो सरकारी मदद पर निर्भर हैं.
अखनूर निवासी जान बीबी का कहना है कि यहां बहुत परेशानी है कल आठ बजे पानी आ गया. घर में पानी चला गया, मेरा वहां सारा सामान खुल्ला है, कोई नहीं बचा है. छोटे बच्चे है और ये बच्चों को बचा पाई. मैं एक बैवा औरत हूं. मेरे बच्चे हैं, मैं खुद परेशान हूं. एक साल हो गया रोेते, किसी ने परवाह नहीं कि. कोई सरकार हमारी देखभाल नहीं कर रही. गांव के सरपंच ने पीड़ितों की बुनियादी सुविधा का ख्याल रखने का आश्वासन दिया है, जिन्होंने फिलहाल पास के सरकारी स्कूल में शरण ली है.
वहीं अखनूर गांव के सरपंच कश्मीर सिंह ने कहा कि 39 जो झुग्गी वाले थे ना उनको शिफ्ट करवाया. चार जो पक्के मकान थे उनको भी शिफ्ट करवा दिया है वो भी सुरक्षित जगह पर पहुंचाए हैं. गवर्नमेंट हाई स्कुल के हॉल में कुछ लोग थे. कमेटी हॉल है उसमें भी रखे हुए थे. प्रशासन ने पूरी जिम्मेदारी ली थी कि आप जहां-जहां रोटी-खाने का जो खर्चा जो भी है वो भी तैयार किया हुआ था तो रात को 12 बजे मैं गया हुआ था. उनके कुछ मवेशी थे उन्हें भी बचाया. उन्हे ऊंचे स्थान पर पहुंचाया. अभी मानसून सीजन के दो-तीन महीने बाकी हैं, इसलिए सरपंच ने सरकार से विस्थापितों के लिए नदी से दूर जमीन उपलब्ध कराने की मांग की है.