जानें क्यों निकाली जाती है भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा
ओडिशा के साथ देशभर में सबसे प्रतीक्षित त्योहारों में एक जगन्नाथ रथ यात्रा एक वार्षिक आयोजन है. यह त्योहार पारंपरिक उड़िया कैलेंडर के अनुसार शुक्ल पक्ष, आषाढ़ महीने के दूसरे दिन मनाया जाता है. पुरी में रथ यात्रा निकाली जाती है. रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण), उनकी बहन देवी सुभद्रा और उनके बड़े भाई भगवान बलभद्र को समर्पित है. इसे गुंडिचा यात्रा, रथ उत्सव, दशावतार और नवदीना यात्रा के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि हर साल भगवान जगन्नाथ अपने भक्तों की मनोकामना पूरी करने के लिए कुछ दिनों के लिए अपने जन्मस्थान मथुरा की यात्रा करना चाहते हैं. यह यात्रा हर साल जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर तक आयोजित की जाती है. यात्रा शुरू होने से पहले, स्नान पूर्णिमा के दिन मूर्तियों को 109 बाल्टी पानी से स्नान कराया जाता है, फिर उन्हें जुलूस के दिन तक अलग-थलग रखा जाता है. रथ यात्रा के दौरान एक विशाल जुलूस निकाला जाता है, जिसमें तीन देवताओं की लकड़ी की मूर्तियों को जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है. इन मूर्तियों को आकर्षक रथों में विराजमान किया जाता है. जुलूस के दौरान चारों ओर मंत्रोच्चार और शंख की आवाज सुनी जा सकती है.
Last Updated : Jul 12, 2021, 8:06 AM IST