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हिंदी दिवस: क्यों हिंदी है जनमानस की भाषा, जानें

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Published : Sep 14, 2019, 8:04 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 3:07 PM IST

हृदय की कोई भाषा नहीं है, हृदय-हृदय से बातचीत करता है और हिंदी हृदय की भाषा है. ये कहना किसी और का नहीं बल्कि हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का है. विभिन्नताओं वाले देश भारत में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है. हिंदी विश्व की प्राचीन, समृद्ध और सरल भाषाओं में से एक है. 14 सितंबर 1949 को एक मत से संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा चुना गया. फिर साल 1953 में राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के अनुरोध पर 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाना शुरू किया गया. भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्‍याय की धारा 343 (1) में हिन्‍दी को राजभाषा बनाए जाने के संदर्भ में कुछ इस तरह लिखा गया है, 'संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी. संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा.' भारत वो देश है जहां कोस-कोस पर भाषा बदलती है, संस्कृति बदलती है. हर क्षेत्र की अपनी अलग राजनीतिक और ऐतिहासिक पहचान है. इसके बावजूद भी हिंदी अमूमन लोगों को आती है और देश में बोली जाने वाली भाषाओं में सबसे अधिक बोली जाती है. इसी कारण से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इसे जनमानस की भाषा कहा.
Last Updated : Sep 30, 2019, 3:07 PM IST

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