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Todays Motivational Quotes : यदि मनुष्य कर्म फलों का त्याग तथा आत्म-स्थिर होने में असमर्थ हो तो ... - geeta gyan

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Published : Jan 11, 2023, 6:27 AM IST

Updated : Feb 3, 2023, 8:38 PM IST

मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए, न ही भाग्य और ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए. परिवर्तन ही संसार का नियम है, एक पल में हम करोड़ों के मालिक हो जाते हैं और दूसरे ही पल लगता है कि हमारे पास कुछ भी नहीं है. यदि मनुष्य कर्म फलों का त्याग तथा आत्म-स्थिर होने में असमर्थ हो तो उसे ज्ञान अर्जित करने का प्रयास करना चाहिए. आत्म-साक्षात्कार का प्रयत्न करने वाले दो प्रकार के इंसान होते हैं, कुछ इसे ज्ञान योग से समझने का प्रयत्न करते हैं तो कुछ भक्ति-मय सेवा के द्वारा. जो इंद्रियों को वश में तो करता है, किन्तु उसका मन इन्द्रिय विषयों का चिन्तन करता रहता है, वह निश्चित रूप से स्वयं को धोखा देता है और मिथ्याचारी कहलाता है. निस्सन्देह इस संसार में मनुष्यों को सकाम कर्म का फल शीघ्र प्राप्त होता है. राग, भय और क्रोध से सर्वथा रहित, परमात्मा में ही तल्लीन और आश्रित तथा ज्ञानरूप तप से पवित्र हुए बहुत-से भक्त परमात्मा के भाव प्राप्त को हो चुके हैं. जिस भाव से सारे लोग परमात्मा की शरण ग्रहण करते हैं, उसी के अनुरूप परमात्मा उन्हें फल देता है. कर्मों की सिद्धि चाहने वाले मनुष्य देवताओं की उपासना किया करते हैं. परमात्मा पर किसी कर्म और कर्मफल का प्रभाव नहीं पड़ता, जो परमात्मा के सम्बन्ध में इस सत्य को जानता है, वह कभी भी कर्मों के पाश में नहीं बंधता. यदि कोई निष्ठावान व्यक्ति अपने मन के द्वारा कर्मेन्द्रियों को वश में करने का प्रयत्न करता है और बिना किसी आसक्ति के कर्मयोग प्रारम्भ करता है तो वह अति उत्कृष्ट है. न तो कर्म से विमुख होकर कोई कर्मफल से छुटकारा पा सकता है और न केवल संन्यास से सिद्धि प्राप्त की जा सकती है. अपना नियत कर्म करो क्योंकि कर्म न करने की अपेक्षा कर्म करना श्रेष्ठ है। कर्म के बिना तो शरीर-निर्वाह भी नहीं हो सकता. Geeta Saar. Todays Motivational Quotes .
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:38 PM IST

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