अब भी जारी है इंसाफ की जंग, गैस त्रासदी से पीड़ितों के जख्म आज भी हरे - जहरीली गैस
भोपाल गैस त्रासदी का जिक्र आते ही आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं. 35 साल पहले यूनियन कार्बाइड की फैक्ट्री में गैस लीक होने के बाद हजारों की संख्या में लोग प्रभावित हुए थे. ऐसे ही एक पीड़ित हैं संजय यादव. उन्होंने दो-तीन दिसंबर, 1984 की दरम्यानी रात का भयावह हादसा ईटीवी भारत के साथ साझा किया. उस दिन को याद कर उनकी आंखें नम हो गई. संजय यादव ने बताया कि वह उस समय महज़ 12 साल के थे. लेकिन उस हादसे का खामियाजा उनकी अगली पीढ़ी भी भुगत रही है. संजय के दो बेटे हैं. वे भी दिव्यांग हैं. ऐसे ही कई परिवार हैं, जो इस गैस त्रासदी के चलते अपनों को खो चुके हैं. देखें ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट