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Positive Bharat Podcast: सकारात्मक दृष्टिकोण से बदलें दुनिया को देखने का नजरिया - पाॅजिटिव भारत पॉडकास्ट डेली

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Published : Oct 1, 2021, 12:40 PM IST

आज के पॅाडकास्ट (Positive Bharat Podcast) में महाभारत काल का एक छोटा सा किस्सा, जो आपके जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है. गुरु द्रोणाचार्य (Guru Dronacharya Mahabharata) और उनके शिष्यों के बीच हुआ वार्तालाप है, जो बहुत बड़ी सीख बन सकता है. दरअसल, एक दिन गुरु द्रोणाचार्य (Guru Dronacharya Sanvad) पांडवों (Pandavas Mahabharata) और कौरवों (Kauravas Mahabharata) को शस्त्र और शास्त्र की शिक्षा देते हुए, उनकी परीक्षा के बारे सोचने लगे, लेकिन उन्हें परीक्षा का विषय क्या हो यह समझ नहीं आ रहा था, तभी उनके मन में ख्याल आया कि क्यों न राजकुमारों की वैचारिक प्रगति और व्यवहारिकता की परीक्षा ली जाए. दूसरे दिन सुबह आचार्य ने राजकुमार दुर्योधन को पास बुलाया और कहा कि वत्स (Guru Dronacharya Mahabharata Story), तुम समाज से एक अच्छे आदमी की परख करके मेरे सामने पेश करो. दुर्योधन ने कहा, जैसी आपकी आज्ञा और फिर वह गुरू के आदेश का पालन करते हुए अच्छे आदमी की खोज में निकल गया. कुछ दिनों बाद वापस दुर्योधन आचार्य के पास आया और कहा कि, कई नगरों और गांवों का भ्रमण किया, लेकिन कहीं भी कोई अच्छा आदमी नहीं मिला. इसके बाद आचार्य द्रोण ने युधिष्ठिर को बुलाया और कहा वत्स, इस पृथ्वी पर कोई बुरा आदमी ढूंढ कर लाओ. (Guru Dronacharya Mahabharata Motivation). युधिष्ठिर ने आचार्य को प्रणाम किया और कहा कि आचार्य कोशिश करता हूं और युधिष्ठिर बुरे आदमी की खोज में निकल गए. काफी दिनों बाद वह लौटकर आए तो आचार्य ने प्रश्न किया, युधिष्ठिर क्या तुम किसी बुरे आदमी को ढूंढकर लाए? युधिष्ठिर ने कहा कि आचार्य धरती के कोने-कोने में बुरा आदमी खोजा, लेकिन कोई नहीं मिला, इसलिए खाली हाथ लौट आया (Guru Dronacharya Education), मुझे क्षमा कर दीजिए. इसके बाद सभी शिष्यों के मन में एक ही सवाल था कि आचार्य आखिर ऐसा क्यों हुआ कि दुर्योधन को कोई अच्छा आदमी नहीं मिला और युधिष्ठिर को कोई बुरा आदमी नहीं मिला. शिष्यों की इस उत्सुक्ता को देख गुरू द्रोणाचार्य हलका सा मुस्कुराए और कहा, शिष्यों जो इंसान जैसा होता है, उसको दुनिया में सभी वैसे ही दिखाई देते हैं, अगर आप बुरे हैं, तो यह खूबसूरत दुनिया भी आपको बुरी ही दिखेगी और अगर आपके अंदर अच्छाई है, तो यह दुनिया आपको अच्छी ही दिखाई देगी, इसलिए दुर्योधन को कोई अच्छा आदमी नहीं मिला और ना ही युधिष्ठिर कोई बुरा आदमी ढूंढ पाया. (Guru Dronacharya Life Lessons). तो यह था महाकाव्य महाभारत का एक छोटा सा किस्सा, जिससे यह मिलती है कि अपने दृष्टिकोण में ऐसा परिवर्तन लाए, जिससे यह दुनिया आपको वैसी ही दिखे, जैसा आप इसे देखना चाहते हैं. अगर आपका मन साफ होगा, तो इस दुनिया से सुंदर कुछ भी नहीं, लेकिन अगर आप बुरा विचार रखेंगे, तो दुनिया में हर इंसान में बुराई दिखाई देगी.

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