प्रकृति प्रेमी ने पेश की मिसाल, हाथियों के भोजन के लिए करते हैं खेती - वन्यजीव संरक्षणकर्ता
असम के नगांव जिले के प्रकृति प्रेमी और वन्यजीव संरक्षणकर्ता बिनोद दुलु बोरा और उनकी पत्नी मेघना मयूरी हजारिका ने एक उदाहरण पेश किया है, जहां मानव और हाथी एक साथ रह सकते हैं. उनका यह मॉडल मानव और हाथी के बीच संघर्ष को भी समाप्त कर सकता है. दरअसल, इंसानों और हाथियों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए जंगल के किनारे वाले इलाकों में दुलु धान और घास की खेती करते हैं, ताकि हाथियों को भोजन की तलाश में मानव बस्तियों में न आना पड़े. मानव और हाथी के संघर्ष को रोकने के लिए दुलु ने गुवाहाटी के वरिष्ठ नागरिक प्रदीप भुयान के संरक्षण में 'हाथी बंधु' संगठन बनाया है. हाथी बंधु नगांव में हाथी खाली रॉन्ग हांग क्षेत्र में 200 एकड़ भूमि पर हाथियों के लिए धान और घास उगता है. वह यह काम साल 2018 से कर रहे हैं.