कर्नाटक : 11 साल की लड़की ने कंबाला खेल में लिया हिस्सा, रचा इतिहास
कर्नाटक की इस लड़की का नाम चैत्र है. वह कुंडापुर के बोलांबली गांव के राम्या दंपति परदेश्वर भट की सबसे बड़ी बेटी है. 11 साल का चैत्र छठी कक्षा में पढ़ाई कर रही है. उसे कंबाला में भैंस को चलाना होगा. वह कंबाला श्रीनिवास गौड़ा के उसैन बोल्ट की तरह बनने का सपना देख रही है और इसके लिए अभ्यास कर रही है. कंबाला एक वार्षिक भैंस दौड़ है जो दक्षिण-पश्चिमी भारतीय राज्य कर्नाटक में आयोजित की जाती है. पारंपरिक रूप से यह दक्षिण कन्नड़ और उडुपी के तटीय जिलों में स्थानीय तुलुवा जमींदारों और परिवारों द्वारा प्रायोजित की जाती है. कंबाला रेस ट्रैक धान के खेत की तरह होता है और भैंस को चाबुक मारने वाले किसान द्वारा संचालित किया जाता है. यह एक पारंपरिक तुलुवास खेल है. इस बार एक छोटी लड़की ने कंबाला का किरदार निभाकर सबका ध्यान खींचा है. यह सभी उम्र के लोगों को आकर्षित करता है. एक लड़की इस साल के कंबाला में शामिल है और उसने सभी का ध्यान आकर्षित किया है. वह कंबाला का किरदार निभाकर एक नया अध्याय लिख रही है. कंबाला को बचपन से ही चैत्र पसंद करती है. उसके पिता परमेश्वर भट भी बेटी की इच्छा का सम्मान करते हैं. कंबाला के छोटे वर्ग में भाग लेने के लिए बेटी को प्रोत्साहित करते हैं. परमेश्वर भट 25 साल से कंबाला में शामिल हो रहे हैं. पहले महिलाएं कंबाला में शामिल नहीं थीं. महिलाएं दर्शक बनकर आती थीं और कंबाला देखती थीं. चैत्र ने कहा कि मैं तेल लगाती हूं और शॉवर देती हूं. भैंस को सुंदर दिखाने के लिए यह करती हूं. मैं कंबाला के सभी काम करूंगी. शनिवार और रविवार को बहुत व्यस्त हूं. हमने कई कंबाला चैंपियनशिप में जीत हासिल की है. आई लव कंबाला. चैत्र के पिता परमेश्वर ने कहा कि मैं एक किसान हूं. मैं कृषि के उद्देश्य से भैंस पालता हूं. मेरी बेटी को कंबाला में बहुत रुचि है. वह कंबाला को देखने और खेलने के लिए बहुत उत्सुक है. उसके पास एक छोटी भैंस भी है.
Last Updated : Mar 5, 2021, 7:16 PM IST