नई दिल्ली : एक अनुमान के मुताबिक भारत में हर साल कैंसर के करीब 10 लाख नए मामले सामने आते हैं.कुल मिलाकर, भारत में हर साल लगभग आधा मिलियन मौतें कैंसर से होती हैं. कैंसर को नियंत्रण में लाने के लिए बार-बार उपचार जैसे विकिरण, कीमोथेरेपी और सर्जरी का उपयोग किया जाता है, ये उपचार रोगियों को थका देते हैं और उनके जीवन की गुणवत्ता को कम कर देते हैं.यहीं पर प्राकृतिक चिकित्सा और योग कैंसर के "बॉडी-रैकिंग" ( गंभीर ) साइड इफेक्ट्स से राहत देकर और रोगी के सामान्य स्वास्थ्य को बहाल करके असरकारक साबित हो सकते हैं.
प्राकृतिक चिकित्सा Medicine की एक पूरक शाखा ( Complementary branch ) है जो सुरक्षित और प्राकृतिक उपचारों को नियोजित करती है और कैंसर से उबरने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में विषहरण ( Detoxification ) का समर्थन करती है.सबसे अच्छी बात यह है कि रोगियों को आराम देने के लिए नैचुरोपैथिक उपचार को कैंसर के उपचार के साथ जोड़ा जा सकता है.
कैंसर रोगियों को विकिरण या कीमोथेरेपी चिकित्सा जरूरी होती है , जिसके कई प्रतिकूल परिणाम ( Side Effects ) होते हैं, जैसे कि...
- दस्त या मुंह के छाले : Diarrhoea or mouth sores.
- जोड़ों का दर्द. Joint pain.
- थकान. Fatigue.
- विकिरण-प्रेरित जिल्द की सूजन. Radiation-induced dermatitis.
- हाथ या पैर में सुन्नपन और झुनझुनी. Numbness and tingling in the hands or feet.
- अनिद्रा. Insomnia
- समुद्री बीमारी और उल्टी. Nausea and vomiting.
- अचानक बुखार वाली गर्मी महसूस करना. Hot flashes.
- प्रतिरक्षा प्रणाली को नियमित करना. Immune system modulation.