हैदराबाद :आज के समय में दुनिया में मुख्य रूप से 3 प्रकार के आहारशैली वाले लोग हैं. एक मांसाहारी, दूसरा शाकाहारी और तीसरा वीगन हैं. मांसाहारी अपने आहार के साथ शाकाहारी भोजन भी करते हैं. शाकाहारी सिर्फ सादा भोजन करते हैं. वहीं वीगन शाकाहारी से भी अलग भोजन खाते हैं. वीगन आहार शैली को मानने वाले शहद, दूध, दुग्ध उत्पाद तक नहीं खाते हैं. वीगन आहार शैली मानने किसी भी रूप में पशु की क्रूरता के खिलाफ होते हैं. पशु के प्रेम दिखाने और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 1 नवंबर को हर साल विश्व वीगन दिवस मनाया जाता है.
वीगन शब्द कहां से आया
वीगन (Vegan) शब्द का उपयोग पहली बार डोनाल्ड वॉटसन (Donald Watson) ने किया था. यह अंग्रेजी के Vegetarian से लिया गया है. उन दिनों वीगन जीवन शैली जीने वाले डेयरी उत्पाद नहीं खाते थे. बाद में इन लोगों ने अंडे के सवन भी बंद कर दिया. 1951 के आसपास वीगन जीवन शैली (Veganism) ने आंदोलन का रूप ले लिया. भारत सहित दुनिया के अन्य हिस्सों में इस जीवन शैली को जीने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. वीगन लोग शहद, मांस, अंडे और दूध के अलाव इससे बने उत्पादों का उपयोग नहीं करते हैं. ये लोग जानवरों के शोषण को पसंद नहीं करते हैं. ये सभी जानवरों के प्रति अहिंसा और दया के पक्षधर होते हैं. वीगन जानवरों के श्रम से तैयार उत्पाद का भी उपयोग नहीं करते हैं.
क्या है वीगन जीवन शैली
मांसाहारी व शाकाहारी की तरह वीगन भी एक प्रकार की जीवन शैली है. इसमें व्यक्ति शाकाहारी होने के साथ-साथ पशु-पक्षी उत्पादों से उत्पादों के सेवन से दूर रहता है. वीगन जीवन शैली जीने वाले लोग अधिक से अधिक पशुओं के शोषण को सीमित करने के पक्षधर होते हैं.
विश्व वीगन दिवस का इतिहास
विश्व वीगन दिवस की शुरुआत 1994 में इंग्लैंड से माना जाता है. लुईस वालिस शाकाहारी पशु अधिकार कार्यकर्ता थीं. शाकाहारी समाज की अध्यक्ष के नाते उन्होंने शाकाहारी परिवार के विस्तार पर बल दिया. इसी आधार पर वीगन समाज की 50वीं वर्षगांठ के अवसर हर साल 1 नवंबर 1994 को विश्व वीगन दिवस मनाने का निर्णय लिया गया. आज के समय में पूरी दुनिया वीगन आहार शैली मानने वाले इस दिवस को मनाते हैं.