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Be Aware Share Care : World Thalassaemia Day 2023 विशेष, थैलेसीमिया केयर गैप को पाटने के लिए जागरूकता जरूरी

Thalassemia एक गंभीर जेनेटिक रक्त विकार है. जिसके कुछ खास प्रकारों में पीड़ित की जान जाने का जोखिम भी काफी ज्यादा रहता है. चिंता की बात यह है कि इस विकार में पीड़ित को नियमित रूप से रक्त चढ़ाने तथा ब्लड स्टेम सेल्स ट्रांसप्लांट के अलावा रोग प्रबंधन व उपचार के बहुत ज्यादा सफल तरीके मौजूद नहीं है. इस Blood disorder की गंभीरता तथा इसके प्रबंधन व इलाज को लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से Thalassemia International Federation ने 8 मई को World Thalassemia Day 2023 मनाए जाने की घोषणा की थी. विश्व थैलेसीमिया दिवस 2023 . International Thalassemia Day .

World Thalassaemia Day 2023: Strengthening Education to Bridge Thalassaemia Care Gap
विश्व थैलेसीमिया दिवस 2023

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Published : May 8, 2023, 6:28 AM IST

Updated : May 9, 2023, 6:17 AM IST

अपने बच्चों को किसी रोग या समस्या के इलाज के लिए कभी-कभार ही सही लेकिन अस्पताल लेकर जाना हर अभिभावक के लिए घबराहट और चिंता का कारण बनता है. उस पर यदि बच्चे को खून चढ़ाने के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़े तो उनकी चिंता चौगुनी बढ़ जाती है. लेकिन इंदौर की 44 साल की संगीता के लिए लगभग हर महीने अपने बच्चों को अस्पताल ले जाकर उन्हे रक्त चढ़वाना एक रूटीन है . एक बड़े स्कूल में आया का काम करने वाली संगीता की 13 साल की बेटी तथा 7 साल के बेटे को थैलेसीमिया है. वहीं कोविड़ के दौरान संगीता की एक बेटी ने इसी बीमारी के कारण अपनी जान गंवा दी थी.

संगीता बताती हैं कि थैलेसीमिया के कारण नियमित रूप से रक्त चढ़ाना तो इस रोग से जुड़ी सिर्फ एक स्थिति हैं. लेकिन इस रोग के कारण बच्चों को जिन अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है तथा अन्य रोगों व संक्रमणों को लेकर उनकी संवेदनशीलता के चलते उनके बचाव के लिए निरंतर प्रयास करना एक जंग जैसा ही है. दुनिया भर में हजारों-लाखों थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे हैं जिनके मातापिता इस विकार के कारण संगीता की ही तरह एक जंग सरीखी जिंदगी जीने को मजबूर हैं.

विश्व थैलेसीमिया दिवस 2023 : World Thalassemia Day 2023
थैलेसीमिया दरअसल एक गंभीर जेनेटिक रक्त विकार है. वर्ष 2020 तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में थैलीसीमिया पीड़ितों की संख्या लगभग 27 करोड़ थी. वहीं भारत में गंभीर प्रकार के थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों की संख्या सबसे ज्यादा (1 लाख से ज्यादा )थी. उपलब्ध आंकड़ों की माने तो देश में हर साल थैलीसीमिया के लगभग 10,000 नये मरीज़ों का पता चलता है.

विश्व थैलेसीमिया दिवस 2023

यूं तो पिछले कुछ सालों में जटिल रोगों तथा उनके इलाज को लेकर तमाम तरह के सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं के प्रयासों के चलते आम लोगों में अलग-अलग प्रकार के रोगों को जागरूकता बढ़ रही है, लेकिन थैलेसीमिया को लेकर आज भी लोगों में ज्यादा जानकारी नहीं देखी जाती है. दुनियाभर में आम लोगों में इस रोग को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 8 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष World Thalassemia Day 2023 को पीछले वर्ष की भांति 'बी अवेयर. शेयर. केयर: थैलेसीमिया केयर गैप को पाटने के लिए शिक्षा को मजबूत करना है” थीम पर मनाया जा रहा है.

इतिहास तथा उद्देश्य : World Thalassemia Day History

थैलेसीमिया रोग की गंभीरता को समझते हुए तथा लोगों में इस रोग तथा इसके प्रबंधन व इलाज को लेकर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वर्ष 1994 थैलेसीमिया इंटरनेशनल फेडरेशन द्वारा ‘विश्व थैलेसीमिया दिवस’ मनाए जाने के बारे में सोच गया था. जिसके बाद फेडरेशन के संस्थापक व अध्यक्ष पैनोस एंगलज़ोस ने अपने बेटे और इस बीमारी से लड़ने वाले अन्य थैलेसीमिया पीड़ितों की याद में 8 मई को विश्व थैलेसीमिया दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी.

विश्व थैलेसीमिया दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य सिर्फ इस रोग तथा उसके इलाज व प्रबंधन को लेकर जागरूकता फैलाना ही नहीं हैं बल्कि इस दिन को थैलेसीमिया के कारण मृत्यु का शिकार हुए पीड़ितों को याद करने तथा इस बीमारी के साथ संघर्ष कर रहे लोगों को प्रोत्साहित करने व उनके मनोबल को बढ़ाने के लिए भी मनाया जाता है. इस दिन वैश्विक स्तर पर राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, सरकारी व गैर सरकारी स्वास्थ्य संगठनों तथा स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा थैलेसीमिया हेतु परामर्श , उसके प्रबंधन व उपचार को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं.

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Last Updated : May 9, 2023, 6:17 AM IST

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