World Sight Day 2023 : ताउम्र दुनिया देखने की चाहत है तो विश्व दृष्टि दिवस पर इन बातों का रखें ध्यान
आंखें मानव की सबसे संवेदी या कहें तो सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. यह हमें दुनिया के अलग-अलग रंगों से परिचय कराती हैं. आंखों की सही देखभाल न होने के कारण, न केवल आई साइट प्रभावित होता है बल्कि इंसान अंधेपन का भी शिकार हो सकता है. आंखों की उचित देखभाल के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व दृष्टि दिवस (World Sight Day) मनाया जाता है. जानें विश्व दृष्टि दिवस का इतिहास (World Sight Day History ). पढ़ें पूरी खबर.. protect eye world sight day, care your eye world sight day,
हैदराबाद :दुनिया को देखने के लिए आंखें जरूरी है. ताउम्र स्वस्थ आंखों के लिए उचित देखभाल और सावधानी सभी के लिए जरूरी है. आखों की सुरक्षा के संबंध में जागरूकता पैदा करने के लिए हर साल अक्टूबर महीने के दूसरे गुरुवार को विश्व दृष्टि दिवस या वर्ल्ड आई साइट दिवस मनाया जाता है. इस साल अक्टूबर महीने का दूसरा गुरुवार 12 अक्टूबर को है, इसलिए आज के दिन वर्ल्ड साइट डे मनाया जा रहा है.
वर्ल्ड साइट डे थीम वर्ल्ड साइट डे 2023 के लिए 'काम के दौरान अपनी आंखों से प्यार करें' (Love Your Eyes At Work) रखा है. इस थीम का उद्देश्य दुनिया भर में कंप्यूटर-मोबाइल आदि गैजेट के माध्यम से रोजाना कई घंटों तक कार्यालय, घर या अन्य जगहों पर काम करने वालों को ऑन स्क्रीन के आंखों की सुरक्षा और सावधानियों के बारे में जागरूक करना है.
वर्ल्ड साइट डे का इतिहास लायंस क्लब एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है. स्वास्थ्य सहित कई क्षेत्रों में आम लोगों के लिए सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर काम करती है. इसी कड़ी में आई साइट के लिए काम करने वाली संस्थाओं के साथ मिलकर लायंस क्लब इंटरनेशनल ने 1998 में पहली बार विश्व दृष्टि दिवस का आयोजन किया. इसके बाद से हर साल अक्टूबर माह के दूसरे गुरुवार को विश्व दृष्टि दिवस मनाया जाने लगा.
इस आयोजन के बाद आंखों की देखभाल के लिए 18 फरवरी 1999 में 'विजन 2020' (VISION 2020) की शुरूआत की. यह पहल, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization-WHO) और इंटरनेशनल एजेंसी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (International Agency for The Prevention of Blindness-IAPB) की ओर से संयुक्त रूप से किया गया था. विजन 2020 के तहत दुनिया भर में दृष्टिहीनता या आई साइट के नुकसान कारणों, इसके रोकथाम और इलाज के बारे में जागरुकता फैलाने के लिए अभियान चलाया जाता है. खासकर आंखों से संबंधित समस्या जैसे लो विजन, ग्लूकोमा, मोतिबिंद, ट्रेकोमा सहित अन्य रोगों के बारे में जागरूकता, मेडिकल कैंप आदि का आयोजन किया जाता रहा है.
हेल्दी आई के लिए 20:20 फार्मूले का करें पालन
दुनिया भर में आंखों की समस्या में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य कारण लैपटॉप या कंप्यूटर, मोबाइल पर उनका बढ़ता स्क्रीन टाइम का बढ़ना है.
काम के दौरान नियमित अंतराल पर लैपटॉप या कंप्यूटर, मोबाइल स्क्रीन से कुछ समय के लिए दूरी बनाने का प्रयास करें.
इसके लिए 20:20 फार्मूले का पालन करें. अर्थात हर 20 मिनट के अंतराल पर अपनी आंखों को कम से कम 20 सेकंड के लिए आराम दें.
आंखें स्वस्थ रहें इसके लिए उचित आहार, साफ-सफाई और सामान्य व्यायाम के साथ आई फोकस व्यायाम जरूरी है.
आंखों में समस्या होने पर नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लें. वाहन चलाते समय या धूप से आंखों की सुरक्षा के लिए मानक वाला चश्मा का ही उपयोग करें.
कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां
विश्व स्वास्थ्य संगठन दक्षिण-पूर्व एशिया की रिजनल डायरेक्टर डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह दुनिया भर में 2.2 अरब लोग अंधापन या दृष्टि दोष की समस्या से जूझ रहे हैं.
जागरूकता और समय पर इलाज के माध्यम से 1 अरब लोगों में अंधापन या दृष्टि दोष की समस्या को रोका जा सकता है, जो अभी तक इसके शिकार नहीं हुए हैं.
दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में विश्व के 30 अंधापन के शिकार या दृष्टिबाधित लोग रहते हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जन-केंद्रित नेत्र देखभाल 2030 के तहत हर जगह, हर किसी को उच्च गुणवत्ता वाली, व्यापक नेत्र स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच के लिए प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत सभी राष्ट्रों को क्षेत्रीय कार्य योजना के तहत काम करने का अनुरोध किया जा रहा है.
आंखों की स्थिति मानव जीवन के सभी चरणों में प्रभाव डालती है. छोटे बच्चों और वृद्ध लोग आंखों की समस्या को लेकर अधिक असुरिक्षित हैं.
साल 2020 में पूरी दुनिया में अंधेपन और मध्यम से गंभीर दृष्टि हानि की अनुमानित आर्थिक लागत 411 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी.
प्रेसबायोपिया (Presbyopia) से पीड़ित लोगों की संख्या 2015 में 1.8 बिलियन से बढ़कर साल 2030 तक 2.1 बिलियन होने का अनुमान है.
WHO के संशोधित नेत्र देखभाल सेवा मूल्यांकन उपकरण का संचालन भूटान, भारत, मालदीव और थाईलैंड ने किया है. इसका उद्देश्य नेत्र देखभाल कार्यक्रमों को प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल सेवाओं में एकीकृत करना है.