आंखें हमारे शरीर की सबसे महत्वपूर्ण इंद्रियों में से एक हैं. आंखों के कारण ही हम इस रंगबिरंगी दुनिया तथा अपने करीबियों को देख पाते हैं. जरा कल्पना कीजिए कि जो लोग अंधकार के सिवाय कुछ भी ना देख पाते हो या फिर नेत्र रोग के चलते धुंधले दृश्यों या सिर्फ बेरंग दुनिया को देखने के लिए मजबूर हो उनका जीवन कैसा होता होगा. दृष्टि दोष, कम या धुंधली दृष्टि तथा अंधापन सहित विभिन्न दृष्टि संबंधी रोगों के बारे में जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से दुनिया भर में अक्टूबर महीने के दूसरे गुरुवार को 'विश्व दृष्टि दिवस' मनाया जाता है. इस वर्ष यह विशेष दिवस 8 अक्टूबर को मनाया जा रहा है.
उद्देश्य और इतिहास
अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस को सबसे पहली बार लायंस क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा वर्ष 1990 में दृष्टि दोष तथा नेत्र रोगों के प्रति लोगों में जागरूकता के उद्देश्य से आयोजित अभियान के तहत शुरू किया गया था. जिसके उपरांत 18 फरवरी, 1999 को अंधेपन के उपचार और उसकी रोकथाम से जुड़े अभियानों को बेहतर स्तर प्रदान करने के उद्देश्य से विजन 2020- ' दृष्टि का अधिकार' कार्यक्रम की शुरुआत की गई. तब से अब तक लगातार लायंस क्लब इंटरनेशनल फाउंडेशन के वैश्विक नेतृत्व में विभिन्न सहयोगी संस्थाओं की मदद से अंधेपन से पीड़ित लोगों की मदद, उनके उपचार, उनके विकास तथा उन्नति के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन, उनके नेत्रों की जांच तथा जरूरतमंदों की आंखों की सर्जरी कराने जैसे विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है.
इसके अतिरिक्त अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस पर इंटरनेशनल एजेंसी फॉर प्रीवेंशन ऑफ ब्लाइंडनेस (आईएपीबी) तथा वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) सहित विभिन्न सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों की ओर से भी अंधेपन का शिकार लोगों की मदद करने तथा ट्रेकोमा, कम दृष्टि, मोतियाबिंद, अपवर्तक त्रुटि तथा मधुमेह रेटिनोपैथी जैसे नेत्र विकारों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. आंकड़ों की माने तो पूरी दुनिया की कुल आबादी के लगभग 39 मिलियन लोग दृष्टिहीनता के शिकार हैं. अंतर्राष्ट्रीय दृष्टि दिवस की इस वर्ष की थीम है 'अंधेरे में आशा'.
विजन 2020 'दृष्टि का अधिकार'