भोजन की कमी, कुपोषण, प्राकृतिक आपदाओं, युद्ध तथा महामरियों के दौरान निस्वार्थ भाव से लोगों की देखभाल, उनके स्वास्थ्य लाभ तथा उन्हे जरूरी दवाइयाँ तथा जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करने के लिए रेडक्रॉस संस्था हमेशा आगे रहती है. यहीं नही इसे दुनियाभर में शांति और सौहार्द का प्रतीक भी माना जाता है.
दुनिया भर में 8 मई को अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस दिवस के रूप में मनाया जाता है. गौरतलब है कि अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस दिवस, रेडक्रॉस संस्था के संस्थापक तथा पहले शांति नोबल पुरस्कार विजेता हेनरी ड़यूमेंट के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है. हर साल दुनिया भर में रेडक्रॉस तथा उससे जुड़ी संस्थाएं व लोग नए-पुराने उद्देश्यों को लेकर अलग-अलग थीम पर इस दिवस को मनाते हैं . इस साल यह दिवस “बी ह्यूमन काइन्ड” यानी मानव के लिए दयालु भाव रखें थीम पर मनाया जा रहा है. ज्ञात हो कि वर्ल्ड रेड क्रॉस डे को रेड क्रीसेंट दिवस के रूप में भी जाना जाता है.
स्वयंसेवी राहत संस्था है रेडक्रॉस
गौरतलब है कि पहला रेडक्रॉस दिवस 8 मई 1948 को मनाया गया था. इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस दिवस 2022 के अवसर पर “इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ द रेड क्रॉस एंड रेड क्रिसेंट सोसाइटीज” के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा गया है कि इस साल लोगों को उन सभी स्वयंसेवकों और कर्मचारियों के लिए ताली बजाकर सम्मान तथा सराहना देनी चाहिए जो कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ रहे हैं. इस ट्वीट में यह भी कहा गया है कि यह सराहना सिर्फ रेड क्रॉस दिवस तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए बल्कि हर रोज होनी चाहिए. गौरतलब है कि परंपरागत रूप से रेडक्रॉस दिवस पर दुनिया भर में रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाता था. लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण आधिकारिक तौर पर इस तरह का कोई बडा अभियान या आयोजन नही किया जा है.
रेडक्रॉस के सिद्धांत तथा इतिहास
ज्ञात हो कि रेड क्रॉस सोसाइटी सात सिद्धांतों पर कार्य करती है, तटस्थता, मानवता, स्वतंत्रता, स्वैच्छिक, निष्पक्षता, सार्वभौमिकता और एकता. वहीं इस संस्था के कार्यों को चार प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है, आपदाओं की प्रतिक्रिया, आपदाओं के लिए तैयारी और स्वास्थ्य और देखभाल, मानवीय कारणों के सिद्धांतों और मूल्यों को आगे बढ़ाना.