दुनियाभर में शांति और सौहार्द के प्रतीक के रूप में जानी जाने वाली रेडक्रॉस संस्था का स्थापना दिवस 'विश्व रेडक्रॉस दिवस'के रूप में हर साल 8 मई को मनाया जाता है। 1863 में गठित हुई इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस (आईसीआरसी) की स्थापना हेनरी ड्यूमेंट के प्रयासों से 1864 में जेनेवा समझौते के दौरान अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस मूवमेंट के तहत हुई थी। गौरतलब है की हेनरी ड्यूमेंट को पहला नोबेल शांति पुरस्कार भी मिला था। शुरुआत में इसका मुख्य उद्देश्य हिंसा और युद्ध में पीड़ित लोगों एवं युद्धबंदियों की देखभाल तथा उनका पुनर्वास था। गौरतलब है की संस्था का मुख्यालय जेनेवा, स्विटजरलैंड में है। इस संस्था को दुनिया भर की सरकारों के अलावा नेशनल रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट संस्थाओं की ओर से आर्थिक मदद मिलती है।
स्वयंसेवी राहत संस्था है रेडक्रॉस
वर्ष 1863 के फरवरी माह में जिनेवा पब्लिक वेल्फेयर सोसायटी द्वारा एक कमेटी का गठन किया था। जिसमें स्विट्जरलैंड के पांच नागरिक शामिल थे। कमेटी का मुख्य उद्देश्य जन कल्याण के लिए हेनरी डिनैंट के सुझावों पर चर्चा करना था। इस पांच सदस्यीय कमेटी में जनरल ग्यूमे हेनरी दुफूर, गुस्तावे मोयनियर, लुई ऐपिया, थिओडोर मॉनोइर और स्वयं हेनरी डिनैंट शामिल थे। इनमें ग्यूमे हेनरी दुफूर जोकि स्विट्जरलैंड की सेना के जनरल थे, एक साल के लिए वह कमेटी अध्यक्ष रहे और बाद में मानद अध्यक्ष के पद पर भी रहे। इससे पांच सदस्यों वाली कमेटी को शुरूआत में 'इंटरनेशनल कमेटी फॉर रिलीफ टू द वॉउंडेड' के नाम से जाना गया। बाद में इसका नाम 'इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस' हो गया।
अक्टूबर 1863 में कमेटी के तत्वावधान में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया था, जिसमें 16 राष्ट्रों के प्रतिनिधियों ने शिरकत की थी। इस सम्मेलन में कई उपयुक्त प्रस्तावों और सिद्धांतों को अपनाया गया। इसी सम्मेलन में कमेटी के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतीक चिह्न का भी चयन किया गया। इस अवसर पर दुनिया के सभी राष्ट्रों से ऐसे स्वैच्छिक संगठनों की स्थापना की अपील की गई थी, जो युद्ध के समय बीमार और जख्मी लोगों की देखभाल करें। इन यूनिटों को नेशनल रेड क्रॉस सोसायटीज के नाम से जाना गया।
वर्तमान में भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी की पूरे देश में 700 से अधिक शाखाओं का नेटवर्क है, जो आपदा और आपातकाल में राहत प्रदान करता है और कमजोर लोगों और समुदायों के स्वास्थ्य और देखभाल को बढ़ावा देता है।