निमोनिया को ज्यादातर लोग साधारण बुखार से जोड़कर देखते हैं. लेकिन यह बुखार वाली बीमारी नहीं, बल्कि फेफड़ों से संबंधित बीमारी है. जहां अवस्था गंभीर होने पर व्यक्ति की जान तक जा सकती है. इस रोग की गंभीरता को इस तथ्य से जाना जा सकता है कि वर्ष 2019 में 6 लाख 72 हजार बच्चों सहित कुल 2.5 प्रतिशत लोगों की निमोनिया के चलते जान गई थी. निमोनिया को लेकर दुनिया भर में लोगों में जन जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 12 नवंबर को 'विश्व निमोनिया दिवस' मनाया जाता है.
कोविड-19 के इस कठिन समय में दुनिया भर में निमोनिया के चलते बिगड़े हुए लगभग 47 मिलियन मामलों तथा1.2 मिलियन मौतों की घटनाएं संज्ञान में आई है.
विश्व निमोनिया दिवस का उद्देश्य
12 नवंबर, 2009 को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा इस दिन की शुरुआत की गई थी. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार निमोनिया दुनियाभर में बच्चों की मृत्यु का सबसे बड़ा संक्रामक कारण है. यूं तो निमोनिया दुनिया भर में सबसे प्रचलित संक्रमणों में से एक है, लेकिन इसका सबसे अधिक प्रकोप दक्षिण एशिया और उप सहारा अफ्रीका में नजर आता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ के तत्वाधान में 'विश्व निमोनिया दिवस' के अवसर पर हर साल लोगों में बच्चों को लगाए जाने वाले जीवन रक्षक टिकों और दवा के साथ निमोनिया से बचाव, रोकथाम तथा इस बीमारी को दूर रखने के लिए जरूरी अतिरिक्त संसाधनों तथा समाधान के बारे में जन-जन को जागरूक करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम चलाए जाते हैं. चूंकि नीला रंग 'विश्व निमोनिया दिवस' का प्रतिनिधित्व करता है, इसलिए इस दिवस पर दुनिया भर में लोग नीली जींस पहनकर कार्यक्रमों में भागीदारी करते हैं.
क्या है निमोनिया
निमोनिया फेफड़ों का सबसे जटिल संक्रमण है, जो फैलने वाले वायरस या बैक्टीरिया के कारण होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार निमोनिया तीव्र श्वसन संक्रमण का एक रूप है, जो फेफड़ों को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है. निमोनिया एक माइक्रोबियल इंफेक्शन होता है. यह बैक्टीरिया और फंगस जैसे माइक्रोब्स के कारण होता है. इससे फेफड़ों में सूजन हो जाती है. निमोनिया का प्रमुख कारण स्ट्रेप्टोकॉकस निमोनिया नाम का एक बैक्टीरिया होता है, जो हमारे फेफड़ों को संक्रमित करके हमारी श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है. इसका इलाज समय रहते ना करवाया जाए, तो इसमें जान भी जा सकती है. आजकल वैसे भी कोरोना काल में कोरोना से संक्रमित होने पर निमोनिया होना बेहद घातक हो सकता है. मौसम में बदलाव के कारण निमोनिया की आशंका बढ़ सकती है.
निमोनिया के लक्षण
आमतौर पर निमोनिया के लक्षण व्यक्ति की उम्र, निमोनिया के प्रकार तथा व्यक्ति की वर्तमान स्वास्थ्य अवस्था पर निर्भर करते हैं. सामान्य लक्षणों की बात करें तो निमोनिया की शुरुआत ज्यादातर सर्दी या फ्लू और हल्के बुखार से होती है. इसके अतिरिक्त निमोनिया के मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं;
⦁ सांस लेने या खांसने पर सीने में दर्द.
⦁ 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र के व्यक्तियों में मानसिक भ्रम की स्थिति.
⦁ कफ वाली खांसी.
⦁ बुखार, पसीना, और कपकपी वाली ठण्ड लगना.
⦁ थकान.
⦁ 65 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों में तथा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में शरीर का तापमान सामान्य से कम होना.
⦁ मतली, उल्टी तथा दस्त.
⦁ सांस लेने में दर्द या परेशानी होना.
⦁ सिरदर्द, अधिक प्यास लगना.
⦁ अधिक पसीना और पेशाब लगना.