विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस : अपनी शारीरिक सुंदरता को बढ़ाने तथा इंपरफेक्ट को परफेक्ट करने की चाहत में पिछले कुछ सालों में प्लास्टिक सर्जरी के मामलों में दुनिया भर में बढ़ोतरी देखी गई है. भारत हो या अन्य देश , जोखिमों के बावजूद प्लास्टिक सर्जरी में रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी तथा कॉस्मेटिक सर्जरी दोनों ही महिलाओं और पुरुषों में काफी प्रसिद्ध हो रही है. लेकिन इतनी प्रसिद्धि के बावजूद प्लास्टिक सर्जरी के बारे में आम लोगों में ज्यादा जानकारी नहीं है बल्कि इसे लेकर लोगों में काफी भ्रम भी व्याप्त हैं. प्लास्टिक सर्जरी के बारे में सही तथा जरूरी जानकारी लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से हर साल 15 जुलाई को विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस मनाया जाता है.
भारत में इस दिवस की उपयोगिता इसलिए भी बढ़ जाती है क्योंकि इस आयोजन की शुरुआत ही भारत में ही राष्ट्रीय प्लास्टिक सर्जरी दिवस के रूप में हुई थी. जिसे पिछले साल वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलने के बाद से एक वैश्विक आयोजन के रूप में मनाये जाने की परंपरा शुरू हुई. यहां जानने वाली बात यह भी है कि प्लास्टिक सर्जरी करवाने के लिए इच्छुक देसी-विदेशी लोगों के लिए भारत एक हॉट स्पॉट के रूप में उभर रहा है.
विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस का इतिहास तथा उद्देश्य
प्लास्टिक सर्जरी एक सर्जिकल विशेषता है लेकिन प्लास्टिक सर्जरी को चिकित्सा के क्षेत्र में कम महत्व वाला विषय समझा जाता रहा है. प्लास्टिक सर्जरी एक जटिल शल्य चिकित्सा होती है. जिसमें अलग-अलग कारणों से कई बार कुछ नुकसान या पार्श्व प्रभाव भी देखने में आते हैं. उन्हीं के बारे में लोगों में ज्यादा जानकारी फैलाने, प्लास्टिक सर्जरी की विभिन्न शाखाओं तथा प्रकारों के बारें में लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से तथा उनमें इस चिकित्सा विधा को लेकर व्याप्त भ्रमों को दूर करने के उद्देश्य से विश्व प्लास्टिक सर्जरी दिवस मनाया जाता है. इसके अलावा समाज में प्लास्टिक सर्जनों की भूमिका और योगदान के बारे में लोगों के बीच समझ तथा जागरूकता फैलाना भी इस आयोजन के मुख्य उद्देश्यों में शामिल हैं.