विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस : साइलेंट रोग माना जाने वाला हड्डी रोग 'ऑस्टियोपोरोसिस' एक ऐसा रोग है जो हड्डियों को इतना कमजोर बना सकता है कि कई बार मात्र छींकने या बेहद मामूली चोट लगने पर भी हड्डी टूट सकती है. पहले के समय में बुजुर्गों की बीमारी माना जाने वाला यह रोग आजकल कम उम्र के महिलाओं और पुरुषों में भी बहुत आम होने लगा है. जो एक चिंता का विषय है. Osteoporosis की गंभीरता को लेकर आमजन में जागरूकता बढ़ाने तथा Osteoporosis की बीमारी के बचने के लिए तमाम सावधानियों को अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष यह दिवस 'बेहतर हड्डियों का निर्माण' थीम पर मनाया जा रहा है. World Osteoporosis Day 2023 theme Step Up for bone Health Build Better Bones .
गंभीर प्रभाव दे सकता है ऑस्टियोपोरोसिस
ऑस्टियोपोरोसिस दरअसल हड्डियों का एक जटिल रोग है जो हड्डियों में जरूरत से ज्यादा कमजोर तथा भंगुर बना सकता है. एक अनुमान के मुताबिक भारत में लगभग हर आठ में से एक पुरुष तथा तीन में से एक महिला Osteoporosis का शिकार होते हैं. वहीं वैश्विक स्तर पर लगभग 50 वर्ष की आयु वाले 5 में से 1 पुरुष तथा 3 में से 1 महिला ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर का शिकार बनते हैं. चिकित्सकों की माने तो Osteoporosis के पीड़ितों की आयु दर पहले से काफी ज्यादा घटी है. पहले जहां 50 से ज्यादा उम्र वाले महिलाओं व पुरुषों में इसके मामले देखने में आते थे वहीं आजकल 30 वर्ष की आयु से लोगों में इस समस्या के संकेत मिलने लगते हैं. इसलिए आजकल चिकित्सक 30 वर्ष की आयु से ही नियमित तौर पर बोन डेंसिटी तथा अन्य जरूरी जांच करवाने की सलाह देते है जिससे समय से इस रोग का पता चल सके और इलाज शुरू हो सके.गौरतलब है कि यह रोग पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करता है.
उद्देश्य तथा इतिहास
World Osteoporosis Day को मनाये का जाने के उद्देश्य सिर्फ इस रोग के लक्षण, कारण या उसके निवारण को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाना नहीं है, बल्कि लोगों को हर उम्र में अपनी सेहत को दुरुस्त रखने के लिए स्वस्थ आहार व स्वस्थ जीवन शैली का पालन करने के लिए प्रेरित करना तथा समय-समय पर जरूरी जांच व टेस्ट कराने के लिए प्रेरित करना भी है. दरअसल ऑस्टियोपोरोसिस का समय से इलाज ना हो तो हड्डियों में कमजोरी कई बार इतनी ज्यादा बढ़ सकती है कि पीड़ित में विकलांगता का कारण भी बन सकती है. ऐसे में यदि समय से जांच व इलाज हो तथा तमाम जरूरी सावधानियों को जीवन में अपनाया जाय तो काफी हर तक इस समस्या से निदान संभव है. इस दिवस को मनाए जाने एक अन्य उद्देश्य इस रोग से जुड़े अन्य कारकों, भ्रमों के स्पष्टीकरण तथा इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में विकास की संभावनाओं पर चर्चा करने के लिए लोगों को एक मंच प्रदान करना भी है.