दुनियाभर में लोग 20 अक्टूबर को यानी आज विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस मनाते के रूप में मनाते हैं. इस दिवस पर बड़ी संख्या में सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाए बोन डेन्सिटी जांच शिविर आयोजित करती हैं तथा चिकित्सक तथा जानकार अलग-अलग मध्यमों से लोगों को ऐसी खुराक और जीवन शैली को अपने नियमित जीवन में अपनाने का सुझाव भी देती है, जिससे उनकी हड्डियों का स्वास्थ्य हर उम्र में बना रह सके. इस उपलक्ष्य में ETV भारत सुखीभवा भी अपने पाठकों के साथ ऑस्टियोपोरोसिस से जुड़े कुछ शोधों के निष्कर्ष और चिकित्सकों की राय साझा कर रहा है.
ऑस्टियोपोरोसिस को लेकर क्या कहते हैं शोध
वर्ष 2018 में इंडियन जनरल ऑफ मेडिकल रिसर्च में प्रकाशित एक अध्ययन में सामने आया था कि राजधानी दिल्ली में लगभग 9% लोग हड्डियों की खामोश बीमारी कहीं जाने वाले ऑस्टियोपोरोसिस से तथा लगभग 60% लोग ऑस्टियोपोरोसिस की पूर्व स्थिति ऑस्टियोपीनिया से पीड़ित थे. भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान परिषद की ओर से प्रकाशित यह शोध नई दिल्ली के एक अस्पताल के आर्थोपेडिक विभाग तथा आर्थराइटिस केयर फाउंडेशन के सहयोग से 38 से 68 साल के पुरुषों और महिलाओं पर किया गया था. लेकिन जानकार मानते हैं कि न सिर्फ हमारे देश बल्कि दुनियाभर में यह संख्या लगातार बढ़ रही है.
इस रोग के कारणों को लेकर भी दुनिया के अलग अलग कोनों में विभिन्न अध्ययन किए गए हैं. गौरतलब है की इस रोग के लिए सिर्फ उम्र और पोषणकी कमी ही नही, बल्कि कई व्यवहारिक आदतों को भी जिम्मेदार माना जाता है. वर्ष 2015 में अमेरिका के नेशनल जेविश हेल्थ सेंटर के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में दावा किया कि धूम्रपान करने वाले लोगों विशेषकर पुरुषों को ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की समस्या को लेकर ज्यादा संवेदनशील देखा गया. एनल्स ऑफ अमेरिकन थोरासिस सोसाइटी जनरल में प्रकाशित इस शोध के निष्कर्षों में बताया गया था कि धूम्रपान करने वाले उन पुरुषों में जो सीओपीडी से भी पीड़ित होते हैं बोन डेंसिटी कम हो जाती है. 45 से 80 वर्ष के 3321 प्रतिभागियों पर किए गए इस शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि धूम्रपानकरने वाले पुरुषों को बोन डेंसिटी कम होने का खतरा 55% तक अधिक होता है साथ ही उनमें वर्टेबल फ्रेक्चर का खतरा भी 60% तक अधिक हो सकता है.
सब जानते हैं की महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का प्रभाव अपेक्षाकृत ज्यादा नजर आता है जिसके लिए उनके शरीर में प्राकृतिक रूप से कैल्शियम तथा अन्य पोषक तत्व की कमी को जिम्मेदार माना जाता है. लेकिन पोषण के इतर अगर बात करें तो और भी कई कारण हैं जो ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को बढ़ाते हैं. वर्ष 2019 में हुए एक शोध में सामने आया कि महिलाओं में नींद की कमी भी ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ा सकती है. इस शोध में ऐसी महिलाओं को विषय बनाया गया था जो 5 घंटे या उससे भी कम समय के लिए सोती थी. ऐसी महिलाओं में अपेक्षाकृत कम बोन मास डेंसिटी पाई गई थी .