हैदराबाद: किसी रोग, दुर्घटना या कई प्रकार की अन्य समस्याओं में पूरी तरह से ठीक होने या कम से कम आम जीवन या दिनचर्या को आत्मनिर्भरता के साथ जीने में सक्षम होने में कई बार सामान्य इलाज के साथ व्यावसायिक चिकित्सा या जिसे अंग्रेजी में ऑक्यूपेशनल थेरेपी- OT भी कहा जाता है, बड़ी भूमिका निभाती हैं. Occupational Therapy के लक्ष्यों, उससे जुड़ी चुनौतियों, समाज में इसकी जरूरत तथा व्यावसायिक चिकित्सकों की भूमिका के बारे में वैश्विक पटल पर जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 27 अक्टूबर को ' विश्व व्यावसायिक थेरेपी दिवस / विश्व व्यावसायिक चिकित्सा दिवस ' मनाया जाता है.
हालांकि ज्यादातर लोग Occupational Therapy या इस प्रकार की चिकित्सा तथा उनके फ़ायदों के बारें में जानते हैं लेकिन फिर भी बहुत से लोग जरूरत पड़ने पर इसका लाभ नहीं ले पाते हैं. इस वर्ष यह दिवस व्यावसायिक चिकित्सा के क्षेत्र में भागीदारी और सामुदायिक संपर्क को सुविधाजनक बनाने के लिए दूसरों के साथ मिलकर काम करने में व्यक्तिगत व सामुदायिक भूमिका को बढ़ावा देने के उद्देश्य से "समुदाय के माध्यम से एकता" थीम पर मनाया जा रहा है.
व्यावसायिक थेरेपी इतिहास
गौरतलब है कि विश्व व्यावसायिक चिकित्सा/थेरेपी दिवस मनाए जाने की शुरुआत सबसे पहले 27 अक्टूबर 2010 को हुई थी. दरअसल World Federation of Occupational Therapists - WFOT द्वारा इस पेशे की जरूरत तथा इसके फ़ायदों को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने तथा स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डब्ल्यूएफओटी की गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस आयोजन को मनाए जाने की शुरुआत की गई थी. ज्ञात हो कि WFOT - वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट्स एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसमें विश्व स्तर पर 107 राष्ट्रीय व्यावसायिक चिकित्सा पेशेवर संगठन शामिल हैं.
क्या है व्यावसायिक चिकित्सा व उसके लाभ
व्यावसायिक चिकित्सा दरअसल स्वास्थ्य देखभाल से जुड़ी एक शाखा है जिसमें किसी रोग, विकार , दुर्घटना या अन्य कारणों के चलते मानसिक व शारीरिक समस्याओं या अक्षमता का सामना कर रहे लोगों के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए उन्हे शिक्षित तथा प्रशिक्षित करने का प्रयास किया जाता है. इस पद्दती में विभिन्न प्रकार की थेरेपी की मदद से हर उम्र के पीड़ितों की शारीरिक, संवेदी या संज्ञानात्मक समस्याओं को सुलझाने में मदद करने का प्रयास किया जाता है.