दूध तथा दूध से बनने वाले डेरी उत्पाद लगभग हमेशा से ही मानव आहार का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। लगभग सभी प्रकार के पोषण से भरपूर दूध हर उम्र में लोगों के स्वास्थ्य को फायदा पहुंचाता है। वैश्विक खाद्य के रूप में दूध तथा दुग्ध उत्पादों के महत्व तथा डेयरी क्षेत्र की उपलब्धियों के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर वर्ष संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एएफओ) के तत्वावधान में एक जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता है। वर्ष 2001 में शुरू हुए इस आयोजन में हर साल 70 से ज्यादा देश भाग लेते हैं। गौरतलब है कि इस वर्ष विश्व दुग्ध दिवस अपनी 21 वी सालगिरह मना रहा है।
इस वर्ष “विश्व दूध दिवस 2021” को “पर्यावरण, पोषण और सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र में स्थिरता” थीम पर मनाया जा रहा है। इस विषय का मुख्य उद्देश्य नियमित रूप से आहार में दूध और डेयरी उत्पादों को शामिल करने के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाना है, ताकि लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो सके ।
दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व
दूध को एक संपूर्ण आहार की श्रेणी में रखा जाता है क्योंकि इसमें बहुत सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर के लिए बहुत आवश्यक होते हैं। दूध को कैल्शियम और प्रोटीन का समृद्ध स्त्रोत माना जाता है। इसके अतिरिक्त दूध में विटामिन ई, डी, के और ए, मैग्नीशियम, आयोडीन, फॉस्फोरस तथा राइबोफ्लेविन आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। दूध का उपयोग हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद होता है।
दूध के फायदे
- दूध को कैल्शियम का समृद्ध प्राकृतिक स्रोत माना जाता है इसलिए माना जाता है कि यह हड्डियो को क्षति तथा विकारों से तो बचाता ही है , साथ ही उनके स्वास्थ्य को भी बनाए रखता है। दूध हड्डियों को मजबूत बनाकर बढ़ती उम्र में ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी का एक प्रकार रोग) और फ्रैक्चर से बचाव में मदद कर सकता है । विशेष तौर पर बच्चों में हड्डियों के विकास में दूध की भूमिका को अहम माना जाता है।
- दूध में कैसिइन और वे प्रोटीन पाए जाते हैं जो उच्च स्तरीय प्रोटीन होते हैं। ये मांसपेशियों के निर्माण करने में मदद करने के साथ-साथ मांसपेशियों के नुकसान से भी बचाव कर सकता है।
- दूध में मिलने वाले कैल्शियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व दांतो को कैविटी से बचाकर इनके स्वास्थ्य की रक्षा करते हैं।
- एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक शोध के अनुसार दूध पीने से इस्केमिक हृदय रोग और इस्केमिक स्ट्रोक ( खून में थक्के बनने की वजह से आने वाले स्ट्रोक) के जोखिम को कम किया जा सकता है।
- दूध व डेयरी प्रोडक्ट में कॉन्जुगेटेड लिनोलेइक एसिड (सीएलए) होता है, जिसमें वजन व चर्बी कम करने वाला एंटी-ओबेसिटी गुण होता है जो शरीर में वजन को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
- दूध में मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम व पेप्टाइड्स शरीर में ग्लूकोज टोलरेंस और इंसुलिन सेंसटिविटी को संतुलित करते हैं। डेयरी पदार्थ में मौजूद फैटी एसिड टाइप-2 डायबिटीज के जोखिम को कम कर सकता है।
- दूध में उच्च मात्रा में विटामिन बी1 पाया जाता है जो कि मस्तिष्क और डीएनए के स्वास्थ्य में लाभकारी रहता है, वहीं इसमें राइबोफ्लेविन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो कि शरीर में उर्जा बनाए रखने का कार्य करता है।
- दूध में एंटासिड प्रभाव होता है जो पेट संबंधी समस्याओं जैसे अपच और एसिडिटी से राहत दिलाने में मदद करता है।
- दूध में एमिनो एसिड ट्राइटोफन और मेलाटोनिन होता है, जो नींद लाने में मदद कर सकता है।
- डेयरी पदार्थ में मौजूद कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटैशियम जैसे मिनरल उच्च रक्तचाप के जोखिम को कम करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- दूध में उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन अमीनो एसिड पाया जाता है। हमारे मस्तिष्क में कई न्यूरोट्रांसमीटर अमीनो एसिड से ही बने होते हैं जो मस्तिष्क के कामकाज और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं। इसी के चलते दूध में मौजूद प्रोटीन, तनाव, अवसाद तथा चिंता संबंधी विकारों को काफी हद तक कम कर सकते हैं।
- दूध हमारी त्वचा को प्राकृतिक ढंग से पोषण देता है। ना सिर्फ दूध के सेवन से बल्कि उसके इस्तेमाल से भी त्वचा में नमी बनी रहती है ।