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बढ़ते ह्रदय रोगियों के मामले चिंताजनक: विश्व ह्रदय दिवस 2021

पिछले कुछ वर्षों में हृदय रोगियों की संख्या तो बढ़ी ही है, परन्तु कोविड संक्रमण के चलते भी लोगों ने हृदय सम्बन्धी काफी परेशानियां झेली हैं. इसी के चलते ह्रदय रोगों तथा बेहतर स्वास्थ्य के लिए ह्रदय की देखभाल की जरूरत के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से दुनिया भर में हर साल 29 सितंबर को विश्व ह्रदय दिवस मनाया जाता है.

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विश्व ह्रदय दिवस 2021

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Published : Sep 29, 2021, 6:00 AM IST

Updated : Sep 29, 2021, 9:34 AM IST

हमारा दिल हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, जिसकी अस्वस्थता जानलेवा भी हो सकती है. वहीं कोरोना महामारी के दौरान भी दिल के मरीजों को संक्रमण के चपेट में आने को लेकर काफी संवेदनशील माना गया था. सिर्फ यही नही पिछले कुछ समय में युवावस्था में बढ़ते ह्रदय रोगों के मामले, विशेषकर हार्ट अटैक के कारण होने वाली मौतों की संख्या ने भी लोगों में काफी चिंता बढाई है।

कब और क्यों मनाते हैं विश्व ह्रदय दिवस

दिल के स्वास्थ्य के प्रति लोगों को सतर्क तथा जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को विश्व ह्रदय दिवस मनाया जाता है. हाल ही में दुनियाभर में किए गए कुछ शोधों के नतीजों में इस बात की पुष्टि हुई है कि आजकल कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है , ऐसे में विश्व ह्रदय दिवस का मनाया जाना और भी प्रासंगिक हो गया है.

गौरतलब है की विश्व हृदय दिवस की स्थापना सर्वप्रथम वर्ष 1999 में वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (World Heart Federation) ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ मिलकर की थी. जिसके उपरांत यह दिवस सर्वप्रथम वर्ष 2000 में आयोजित किया गया था. गौरतलब है की इस वर्ष विश्व हृदय दिवस 2021 “यूज हार्ट टू कनेक्ट” थीम पर मनाया जा रहा है.

क्या कहते हैं आँकड़े

हृदय रोग को दुनियाभर में होने वाली मृत्यु के प्रमुख कारणों के रूप में भी जाना जाता है. एक आंकड़े के मुताबिक केवल अमेरिका में 11 फीसदी पुरुष और 9 फीसदी महिलाएं हृदय रोग का शिकार हैं. भारत में भी स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे बड़े खतरे के रूप में देखते हैं.

आंकड़ों की माने तो भारत में साल 1990 तक हृदय रोगों से हर साल 2.26 मिलियन (22.6 लाख) की मौत होती थी. चिंतनीय बात यह है कि यह आंकड़ा साल 2025 तक बढ़कर 5.23 मिलियन (52.3 लाख) होने की आशंका है.

आंकड़ों के अनुसार ग्रामीण आबादी में हृदय रोगों के मामले 1.6 से बढ़कर 7.4 फीसदी जबकि शहरी आबादी में 1 से बढ़कर 13.2 फीसदी तक पहुंच गए हैं.

कैसे करें बचाव

चिकित्सक तथा जानकार मानते हैं की सांस फूलने या ह्रदय संबंधी रोगों के लक्षणों के मद्देनजर यदि स्वास्थ्य में जरा सी भी असहजता हो , तो चिकित्सक से परामर्श अवश्य लेना चाहिए। इसके अलावा नियमित स्वास्थ्य जांच भी बहुत जरूरी होती है. क्योंकि हृदय रोगों का अगर शुरुआत में ही पता चल जाए तो इसका इलाज और ठीक होने की संभावना अधिक हो सकती है.

ह्रदय रोगों के लिए कई कारणों को जिम्मेदार माना जाता है , जिनमें असंतुलित भोजन, व्यायाम में कमी या शारीरिक शिथिलता तथा असंतुलित जीवन शैली प्रमुख माने जाते हैं. हम आपके साथ साँझा कर रहें हैं कुछ ऐसे टिप्स जिन्हे नियमित जीवन में अपनाकर दिल के स्वास्थ्य को तंदुरुस्त रखा जा सकता हैं.

  • जीवनशैली में बदलाव लाये और स्वस्थ दिनचर्या को अपनाए.
  • संतुलित और समय पर भोजन ग्रहण करें. ज्यादा तैलीय और मसालेदार भोजन से परहेज करें। ज्यादा वसा युक्त भोजन शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ाता है. कोलेस्ट्रॉल ही हृदय की धमनियों में जमा होकर ब्लॉकेज बनाता है.
  • कोशिश करें कि शाम को 6 या 7 बजे के बाद कुछ भी खाना न खाएं. इसके अलावा सुबह ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन व फाइबर युक्त खाना लें।. दिल को स्वस्थ रखने के लिए फलों का सेवन फायदेमंद होता है.
  • व्यायाम का भी विशेष ध्यान रखें. दिल की सेहत के लिए कार्डियो एक्सरसाइज को बेहतर माना जाता है. रोज कम से कम 40 मिनट ब्रिस्क वॉक करें. इसके अलावा स्विमिंग, रस्सी कूदना, दौड़ना, तथा साइकिलिंग करने जैसी एक्सरसाइज भी फायदे मंद होती है.

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Last Updated : Sep 29, 2021, 9:34 AM IST

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