हर साल दिल के दौरे या हृदय से जुड़ी बीमारियों के चलते दुनिया भर में अनगिनत मौतें होती हैं. जिसका कारण विकसित देशों की अस्वस्थ व अनुशासनहीन जीवन शैली को माना जा रहा है. खानपान में लापरवाही, पर्यावरण में फैलता प्रदूषण तथा अन्य कई कारणों से पिछले कुछ समय में हृदय रोगियों की संख्या में बहुत तेजी से बढ़ोतरी हुई है. पिछले कुछ सालों में ना सिर्फ बड़ी उम्र के लोगों में बल्कि छोटी उम्र के बच्चों तथा किशोरों में भी हृदय रोग के मामले देखने सुनने में आने लगे है. दुनिया भर में हृदय रोगों व उनसे जुड़ी समस्याओं तथा उनके रोकथाम के उपायों के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल 29 सितंबर को 'विश्व हृदय दिवस' मनाया जाता है.
विश्व हृदय दिवस 2020 और कोरोना
वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (डब्ल्यूएचएफ) द्वारा विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के साथ मिलकर सर्वप्रथम वर्ष 1999 में विश्व हृदयरोग दिवस मनाया गया था. जिसके उपरांत वर्ष 2013 तक हर वर्ष इस विशेष दिवस को सितंबर माह के आखिरी रविवार को मनाया जाता रहा. लेकिन वर्ष 2014 से 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाना निर्धारित किया गया. तब से हर साल यह दिवस अलग-अलग विषयों यानि थीम पर आयोजित किया जाता रहा है. इस वर्ष विश्व हृदय दिवस के लिए 'यूज योर हार्टबीट कार्डियोवैस्कुलर डिजीज' को थीम रखा गया है.
वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते विश्व हृदय दिवस की इस थीम का महत्व और भी बढ़ गया है, क्योंकि इस वायरस का असर हृदय रोगियों पर ज्यादा होता है. सामान्य समय-काल के अलावा कोरोना काल में भी हृदय रोगियों के लिए बढ़ती समस्याओं और सावधानियों तथा कार्डियोवेसक्यूलर रोगों के जोखिम को कम करने के लिए निवारक उपायों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से डब्ल्यूएचओ तथा विभिन्न सरकारी, सामाजिक तथा गैर सरकारी संस्थाएं कई तरह के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर रही हैं. इनके अलावा निशुल्क चिकित्सा जांच, फिटनेस तथा खेल संबंधी कार्यक्रम, संगोष्ठियां तथा प्रदर्शनियों का भी आयोजन किया जाना सुनिश्चित किया गया है.