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“हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य” थीम पर मनाया जा रहा है विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022 - environmental change and health impact

सभी जानते हैं कि अच्छा स्वास्थ्य जीवन की सबसे बड़ी जरूरत है. दुनियाभर में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है.

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“हमारा ग्रह, हमारा स्वास्थ्य” थीम पर मनाया जा रहा है विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022

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Published : Apr 7, 2022, 12:39 PM IST

हमारा अच्छा स्वास्थ्य हमारे जीवन की सबसे बड़ी पूंजी होता है. किसी भी संदर्भ में हमारे जीवन की गुणवत्ता तभी अच्छी मानी जाती है, जब हम स्वस्थ होते हैं. लेकिन कई बार भागती दौड़ती जिंदगी, या गलत आदतों के प्रभाव के चलते हम अपनी सेहत को खुद ही नुकसान पहुंचाने लगते हैं. चिकित्सक मानते हैं कि ऐसा करने से हमारी आयु घटती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इस बात की पुष्टि करता है इस स्वस्थ लोग लंबे समय तक जीवित रहते हैं साथ ही उनके शरीर की क्षमताएं भी अपेक्षाकृत बेहतर होती हैं. दुनिया भर में समान स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रसार, स्वास्थ्य से जुड़े मिथकों को दूर करने, वैश्विक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं पर विचार करने तथा लोगों को अच्छे स्वास्थ्य की जरूरत के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है.

विश्व स्वास्थ्य दिवस 2022 की थीम

इस वर्ष यह विशेष दिवस “हमारा ग्रह हमारा स्वास्थ्य ” थीम पर मनाया जा रहा है. इस थीम का उद्देश्य हमारे ग्रह पर रहने वाले सभी मनुष्यों के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करना है. इस अवसर पर आयुष मंत्रालय भारत के तत्वावधान में विशेषरूप 'योग अमृत महोत्सव' भी मनाया जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर ETV Bharat सुखी भव: ने अच्छे स्वास्थ्य की परिभाषा जानने के लिए कुछ विशेषज्ञों से बात की.

क्या है अच्छे स्वास्थ्य से तात्पर्य

चंडीगढ़ के जनरल फिजीशियन ( सेवानिवृत्त ) डॉ राजीव शर्मा बताते हैं कि अच्छे स्वास्थ्य से तात्पर्य यह नहीं है कि व्यक्ति के शरीर में कोई रोग हो ही नहीं सकता है. अच्छे स्वास्थ्य से तात्पर्य है कि हमारा शरीर इतना सक्षम हो तथा उसके सभी अंग सुचारू रूप से कार्य करते रहें, जिससे कभी कोई रोग या समस्या होने पर शरीर उसके इलाज को आसानी से ग्रहण कर सके. साथ ही हमारी सेहत शीघ्र अतिशीघ्र पुरानी यानी सामान्य अवस्था में वापस आ सके. वह बताते हैं कि ऐसे लोग जिनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है तथा हड्डियां व मांसपेशियां मजबूत होती हैं उनमें बीमारियां होने का खतरा अपेक्षाकृत कम होता है. उत्तराखंड की वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर विजय लक्ष्मी बताती हैं कि जीवन का सबसे बड़ा सुख होता है निरोगी काया . लेकिन अच्छे स्वास्थ्य से तात्पर्य सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य से नहीं होता है. एक व्यक्ति स्वस्थ तभी कहलाता है जब उसका शरीर तथा उसका मन दोनों स्वस्थ हो.

वह बताती हैं कि हमारा शारीरिक तथा मानसिक स्वास्थ्य काफी हद तक एक दूसरे पर निर्भर करता है. अच्छे स्वास्थ्य से तात्पर्य होता है जब हमारे शरीर के सभी अंग अच्छी तरह से कार्य करने में सक्षम हों, व्यक्ति को अपने निजी कामों के लिए किसी दूसरे व्यक्ति पर निर्भर ना होना पड़े, उसका वजन उसकी आयु तथा कद के अनुसार बिल्कुल सही हो, वह आराम व सही तरीके से अपनी दिनचर्या का पालन कर पाता हो तथा उसमें थकान, कमजोरी, तनाव, अवसाद, तथा अन्य शारीरिक व मानसिक समस्याओं का प्रभाव कम या बिल्कुल भी नजर नही आता हो. वह बताती है कि यदि व्यक्ति शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ हो तो वह सरलता से किसी भी प्रकार के संक्रमण या रोग के प्रभाव में नहीं आ पाता है.

मुंबई के निरोग आयुर्वेदिक चिकित्सालय की विशेषज्ञ डॉक्टर मनीषा काले बताती हैं आयुर्वेद में माना जाता है कि वह व्यक्ति जिसके तीनों दोष (वात, पित्त और कफ) व सातों धातुएं (रस, रक्त, मांस, मज्जा, मेद, वीर्य और अस्थि ) संतुलित हों, उसकी इंद्रियां (आंख, कान, नाक, त्वचा, रसना, हाथ, पैर, उपस्थ, गुदा और जिह्वा) सही तरह से कार्य कर रही हो तथा उनकी मल मूत्र की क्रिया भी भली प्रकार से हो रही हो वह व्यक्ति स्वस्थ माने जाते हैं.

कैसे रहें स्वस्थ

डॉ मनीषा काले बताती है कि स्वस्थ रहने के लिए अच्छे आहार के सेवन के साथ ही कुछ अच्छी आदतों को अपनाना भी बहुत जरूरी है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.

  • प्रतिदिन समय पर पौष्टिक तथा संतुलित आहार ग्रहण करें. साथ ही आहार संबंधी नियमों जैसे आहार का समय, आहार की मात्रा, आहार का सही कॉन्बिनेशन तथा अस्वस्थ आहार से दूरी, का पालन अवश्य करें. जहां तक संभव हो घर का बना ताजा तथा गर्म खाना खाएं, साथ ही ज्यादा मात्रा में चीनी, नमक तथा गरिष्ठ आहार से परहेज करें.
  • शरीर में पानी की कमी ना होने दें. क्योंकि हमारे शरीर में ज्यादातर मामलों में किसी भी रोग के बढ़ने का एक कारण शरीर का हाइड्रेट ना होना भी होता है. यदि शरीर में पानी की कमी हो तो शरीर से टॉक्सिन सही तरह से बाहर नहीं निकल पाते हैं जिसका प्रभाव शरीर पर काफी नकारात्मक तरीके से पड़ता है.
  • सोने व जागने संबंधी अच्छी आदतों व नियमों का पालन करें. जैसे समय पर सोएं तथा समय से जागे , सही मात्रा में नींद लें , नींद से पहले ऐसे आहार या कार्यों से परहेज करें जिससे नींद की गुणवत्ता खराब होती हो.
  • शरीर को स्वस्थ रखने में नियमित व्यायाम तथा शरीर की सक्रियता भी काफी अहम भूमिका निभाते हैं. व्यायाम चाहे किसी भी प्रकार का हो यदि उसका अभ्यास नियमित तौर पर किया जाए, साथ ही ऐसी गतिविधियों को अपनाया जाए जिसमें हमारा शरीर सक्रिय रहे यानी जिनमें चलने, उठने, बैठने, सामान उठाने तथा सीढ़ियां चढ़ने जैसी गतिविधियां होती रहे. इससे ना सिर्फ हमारी हड्डियां और मांसपेशियां स्वस्थ रहती हैं बल्कि शरीर के सभी तंत्र विशेषकर पाचन अच्छे से कार्य करते हैं.
  • ऐसे लोगों के साथ समय बिताएं या ऐसे कार्य करें जिनसे आपको प्रसन्नता मिलती हो. मानसिक शांति तथा प्रसन्नता कई प्रकार की मानसिक समस्याओं तथा अवस्थाओं से बचाव करती है. अपनी परेशानियों को दूसरों के साथ साँझा करें तथा तनाव से दूर रहने की कोशिश करें. इसके लिए मेडिटेशन की मदद भी ली जा सकती है.

डॉ मनीषा बताती हैं की बहुत जरूरी है की लोग हर उम्र में अपने शरीर को लेकर सजग रहें, तथा किसी भी समस्या के लक्षण नजर आने पर तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें.

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