सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एण्ड प्रीवेनशन (सीडीसी) के अनुसार कैंसर एक ऐसा रोग है, जिसमें हमारे शरीर के संक्रमित तन्तु अनियंत्रित होकर बढ़ने लगते है तथा दूसरे तंतुओं को भी प्रभावित करने लगते है. दरअसल कैंसर सेल सिर्फ एक स्थान पर ही एकत्रित नहीं रहते है, बल्कि ये विभाजित होकर रक्त तथा लासीका तंत्र के जरिए दूसरे अंगों को भी संक्रमित करना शुरू कर देते है.
यू तो कैंसर जैसे रोग की गंभीरता से सभी लोग वाकिफ है, लेकिन इस रोग के लक्षणों तथा उससे जुड़ी अन्य जानकारियों को लेकर अभी भी लोगों में ज्यादा जागरूकता नहीं है, जिसके चलते कैंसर को लेकर लोगों में कई भ्रम भी है. विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर हम आपके साथ सांझा कर रहे है कैंसर से जुड़े भ्रम तथा उनकी सच्चाई.
दुनिया की दूसरी सबसे जानलेवा बीमारी
समय के साथ-साथ कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण फिलहाल कैंसर दुनिया की दूसरी सबसे जानलेवा बीमारी है. जिसके कारण हर साल बड़ी संख्या में लोग काल के ग्रास में समा जाते है. आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2018 में कैंसर के कारण लगभग 9.6 मिलियन लोगों ने अपनी जान गवाई थी. डब्ल्यूएचओ की माने तो किसी भी रोग के कारण होने वाली मृत्यु में 6 में से 1 कैंसर के कारण होती है. विश्व भर में कैंसर के सबसे प्रचलित प्रकार तथा उनके पजीकृत मामलों की संख्या इस प्रकार है;
- फेफड़ों का कैंसर (लगभग 2.09 मिलियन)
- स्तन कैंसर (लगभग 2.09 मिलियन)
- बड़ी आंत का कैंसर (लगभग 1.80 मिलियन)
- प्रोस्टेट कैंसर (लगभग 1.28 मिलियन)
- त्वचा का कैंसर (मेलानीम रहित) (लगभग 1.04 मिलियन)
- पेट का कैंसर (लगभग 1.03 मिलियन)
कैंसर को लेकर समाज में व्याप्त भ्रम तथा उनकी सच्चाई
⦁ कैंसर फैलने वाला संक्रमण है
आमतौर पर कैंसर रोग एक से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाला नहीं होता है. लेकिन यदि यह रोग किसी ऐसे जीवाणु के कारण हो जो एक से दूसरे व्यक्ति में फैलता हो, तो कैंसर संक्रमण की भांति फैल सकता है. इंडियन जनरल मेडिकल रिसर्च (आईजेएमआर) के अनुसार ह्यूमन पैपिलोमा वायरस से फैलने वाले सर्विकल कैंसर तथा हेपेटाइटिस बी तथा सी वायरस से होने वाले लीवर कैंसर के अलावा किसी भी प्रकार का कैंसर फैलने वाला नहीं होता है. इन दोनों प्रकार के कैंसर में भी संक्रमित रक्त चढ़ाने, संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किया गया इंजेक्शन लगाने, तथा संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने से ही संक्रमण फैलने की आशंका होती है.
⦁ कैंसर हमेशा जानलेवा होता है
यह पूरी तरह से सच नहीं है. चिकित्सा जगत में काफी प्रगति हुई है, जिसके चलते कैंसर जैसे रोग से बचाव के लिए भी उपचार संभव है. कैंसर की बहुत सी विधाये है, जो शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करती है. इनमें से कुछ जटिल भी है, जिनका इलाज आसान नहीं है. लेकिन आमतौर पर कैंसर की पहचान सही समय पर हो जाने पर उसे बढ़ने से काफी हद तक रोका जा सकता है. सही समय पर पता चलने तथा सही इलाज की मदद से कैंसर की अधिकांश विधाओं का उपचार संभव है. लेकिन कैंसर के उपचार में यह बात भी काफी महत्वपूर्ण है की यह किस गति से फैल रहा है तथा शरीर के किस हिस्से को ज्यादा प्रभावित कर रहा है.
⦁ प्रतिस्वेदक यानी एंटीपरस्पिरेंट तथा डियोड्रेंट के कारण स्तन कैंसर होता है
राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अनुसार अब तक किसी भी शोध में अभी तक यह बात सामने नहीं आई है. एंटीपरस्पिरेंट तथा डियोड्रेंट में इस्तेमाल होने वाले रसायनों के इस्तेमाल से स्तन कैंसर हो सकता है.