एड्स दुनिया की सबसे गंभीर बीमारियों में से एक मानी जाती है क्योंकि इसका कोई उपचार या वैक्सीन अभी तक उपलब्ध नहीं हैं. इस लाइलाज बीमारी से जुड़े खतरों, इसकी भयावहता तथा इससे बचने के तरीकों को लेकर दुनिया के सभी देशों में लोगों को जागरूक करने तथा एचआईवी (HIV) पीड़ितों की स्तिथि को समाज में बेहतर करने के लिए प्रयास किए जाने के उद्देश्य से एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष यह दिवस 'असमानताओं को समाप्त करें, एड्स खत्म करें' थीम पर मनाया जा रहा है. विश्व एड्स दिवस को लोग रेड रिबन डे के रूप में भी मनाते हैं.
क्यों मनाते हैं विश्व एड्स दिवस
गौरतलब है कि विश्व एड्स दिवस की शुरुआत सर्वप्रथम विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 1988 में की गई थी. उस समय विश्व में लगभग 90 हजार से लेकर डेढ़ लाख के आसपास एड्स से ग्रसित व्यक्ति थे. दरअसल, वर्ष 1981 में एचआईवी वायरस (एड्स) के कारण पहली मृत्यु का मामला संज्ञान में आया था. जिसके उपरांत दुनिया भर में इस संक्रमण को लेकर जागरुकता फैलाने तथा इस संक्रमण के सही स्वरूप तथा कारणों को जानने तथा इसके सही इलाज को खोज के लिए प्रयास तीव्र गति से किए जाने लगे. इसकी रोग की गंभीरता को मानते हुए विश्व एड्स दिवस मनाए जाने का विचार सर्वप्रथम वर्ष 1987 में दो सार्वजनिक सूचना अधिकारियों जेम्स डब्ल्यू बन और थॉमस नेटर द्वारा प्रस्तावित किया गया था.
01 दिसंबर, 1988 से शुरू हुए विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य एचआईवी या एड्स से ग्रसित लोगों की मदद करने के लिए धन जुटाना, लोगों में एड्स को रोकने के लिए जागरुकता फैलाना, एड्स या एचआईवी से पीड़ित लोगों के खिलाफ हो रहे भेदभाव को रोकना और एड्स से जुड़े भ्रमों को दूर करते हुए लोगों को शिक्षित करना है. क्योंकि इस सिंड्रोम के लक्षणों और संक्रमण के स्वरूप तथा प्रभावों को लेकर व्याप्त भ्रम के चलते आमतौर लोग एचआईवी पीड़ितों को समाज से बहिष्कृत कर देते हैं.
क्या कहते हैं आंकड़े
गौरतलब है कि इस रोग से पूरी तरह से छुटकारा पाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वर्ष 2030 तक एड्स को खत्म करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों की मानें तो 2020 के अंत तक लगभग 37.7 मिलियन लोग एचआईवी से ग्रसित थे, जिनमें से दो तिहाई यानी लगभग 25.4 मिलियन अफ्रीकी क्षेत्रों के निवासी हैं. इसके अतिरिक्त वर्ष 2020 में लगभग 680, 000 मिलियन लोग एचआईवी से संबंधित कारणों से मारे गए थे. साथ ही लगभग 1.5 मिलियन लोगों में एचआईवी की पुष्टि हुई थी.
क्यों और कैसे संक्रमित करता है एचआईवी