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डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञ ने 'पोस्ट-कोविड' लक्षणों पर स्वास्थ्य चिंता जताई - पोस्ट-कोविड लक्षणों पर स्वास्थ्य चिंता व्यक्त

कोविड-19 महामारी के प्रसार को लगभग एक साल हो चुके है, जहां कई देशों के मामलों में गिरावट देखी गई है। कोरोना से ठीक हो चुके पीड़ितों में इसके लक्षणों को लेकर डब्ल्यूएचओ विशेषज्ञों ने चेतावनी जारी की है। पीड़ितों के स्वास्थ्य जोखिम की आशंका बढ़ गई है।

Post-covid symptoms have a bad effect on health
पोस्ट-कोविड लक्षणों का स्वास्थ्य पर बुरा असर

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Published : Feb 27, 2021, 2:40 PM IST

कोविड -19 संचरण दरों में यूरोपीय क्षेत्र में गिरावट देखी जा रही है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक हंस क्लूज ने एक वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'लॉन्ग-कोविड' या 'पोस्ट-कोविड' लक्षणों पर स्वास्थ्य चिंता व्यक्त की है।

क्लूज का कहना है कि सार्स-कोव-2 संक्रमण के कारण महीनों के लिए गंभीर सामाजिक, आर्थिक, स्वास्थ्य और व्यावसायिक समस्याएं उत्पन्न हो गई है, जिसकी वजह से उन्हें लाचारता का सामना करना पड़ रहा है। जिसने इस मुद्दे को डब्ल्यूएचओ के लिए एक स्पष्ट प्राथमिकता के रूप में पहचाना, और अत्यधिक महत्व दिया।

क्लूज के अनुसार, जब से महामारी शुरू हुई यूरोपीय क्षेत्र में कुल 38 मिलियन संक्रमण के मामले दर्ज किए गए थे, और सिन्हुआ के रिपोर्ट के मुताबिक 'दस में से एक कोविड -19 पीड़ित 12 हफ्तों के बाद भी अस्वस्थ पाया गया, और बहुत लोगों में लंबे समय तक रहता है।'

क्लूज का कहना है कि, कुछ ऐसे लोगों की कहानियां सामने आयी है, जो ठीक हो चुके है, लेकिन उनका जीवन अभी भी दुर्बल लक्षणों से प्रभावित है। अफसोस की बात है, कुछ लोगों मे अंधविश्वास या समझ की कमी पायी गई।

लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के प्रोफेसर मार्टिन मैककी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'पोस्ट-कोविड' लक्षणों के बारे में और जानकारी दी। मैककी ने बताया है कि यह 'पोस्ट-कोविड' लक्षण एक दूसरे पर हावी हो रहे है, जिसकी वजह से छाती और मांसपेशियों में दर्द, थकान, सांस की तकलीफ देखी गई है, जो एक अलग संयोजन बनाते है। जिससे कुछ लोगों ने खुद को भ्रमित पाया है।

मैककी ने बताया कि, हालांकि कई वायरल संक्रमण स्व-सीमित हैं, लेकिन लोगों को ठीक करने से पहले कुछ दिनों के लिए अस्वस्थ महसूस कराते हैं, वहीं दूसरे संक्रमण दीर्घकालिक समस्याओं का कारण बनते है। शुरुआत में, हमने महसूस किया कि यह नया कोरोनोवायरस सिर्फ निमोनिया का कारण नहीं था। कुछ रोगियों में शरीर के अलग-अलग प्रणालियों पर हमला कर रहा था, जैसे कि हृदय, रक्त वाहिकाएं, मस्तिष्क और गुर्दे।

कोविड -19 के प्रभाव के बाद के प्रसार की प्रतिक्रिया में, क्लूज ने स्वीकार किया कि डब्ल्यूएचओ ने महीने की शुरूआत में 'कोविड -19 स्थितियों पर परामर्श की मेजबानी की थी, जो मान्यता, अनुसंधान और पुनर्वास पर केंद्रित है।' इसके अलावा, क्लूज ने यह भी पुष्टि की कि डब्ल्यूएचओ यूरोप जल्द ही यूरोपीय क्षेत्र में सभी 53 देशों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के साथ एक सम्मेलन आयोजित करेगा, ताकि इस मुद्दे से निपटने के लिए एक क्षेत्रीय रणनीति बनाई जा सके।

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क्लूज का कहना है, 'जितना अधिक हम जानते हैं, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि जिन रोगियों को कोविड -19 की संदिग्ध या पुष्टि हो गई है, जिनमें लगातार नए या बदलते लक्षण दिख रहे हैं, उनकी फॉलो-अप देखभाल तक पहुंच होनी चाहिए। जहां प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल विशेष रूप से मजबूत भूमिका निभाता है।

क्षेत्रीय निदेशक ने इस क्षेत्र के चिकित्सा अधिकारियों को कोविड से ठीक हो चुके पीड़ितों की स्थिति को गंभीरता से सुनने और समझने की आवश्यकता पर बल दिया, अगर वे इससे सफलतापूर्वक निपटने का इरादा रखते हैं।

क्लूज कहते है कि, 'मैं यूरोपीय क्षेत्र से आपको, आपके देशों और संस्थानों को सामंजस्यपूर्ण डेटा संग्रह उपकरण और अध्ययन प्रोटोकॉल का उपयोग करके एक एकीकृत अनुसंधान एजेंडे के भाग लेने के लिए आमंत्रित कर रहा हूं। यह उपचार के प्रभाव को अधिकतम करने और रोगियों के लिए दीर्घकालिक परिणामों में सुधार करने के लिए महत्वपूर्ण होगा।

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