नई दिल्ली : रविवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वैश्विक स्तर और दक्षिण-पूर्व के देशों से आह्वान किया कि वे कोविड19 महामारी से बाधित कुष्ठ सेवाओं में अंतराल को दूर करें और Zero leprosy infections की दिशा में प्रयासों में तेजी लाएं. कुष्ठ रोग, शून्य कुष्ठ रोग विकलांगता और शून्य कुष्ठ कलंक और भेदभाव, जो कि WHO वैश्विक कुष्ठ रणनीति 2021-2030 की दृष्टि है. विश्व कुष्ठ दिवस (WLD) जनवरी के आखिरी रविवार को उन लोगों को मनाने के अवसर के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने कुष्ठ रोग का अनुभव किया है, रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाते हैं, और कुष्ठ रोग से संबंधित कलंक और भेदभाव को समाप्त करने का आह्वान करते हैं. विश्व कुष्ठ दिवस 2023 की थीम 'अभी कार्रवाई करें, कुष्ठ रोग खत्म करें'.
Dr Poonam Khetrapal Singh, WHO Regional Director (South East Asia) ( डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ) शुरू में पता चलने पर कुष्ठ रोग 100 प्रतिशत ठीक हो जाता है, फिर भी आज कोविड-19 से संबंधित चुनौतियों, कलंक और भेदभाव के अलावा - संस्थागत और अनौपचारिक दोनों, शीघ्र निदान और उपचार को बाधित करना जारी रखते हैं, इसे बदलना होगा. 2021 में कुष्ठ रोग के 140000 नए मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 95 प्रतिशत नए मामले 23 वैश्विक प्राथमिकता वाले देशों से आए. इनमें से 6 प्रतिशत को दिखाई देने वाली विकृति या ग्रेड-2 विकलांगता ( G2D ) का निदान किया गया था. 6 प्रतिशत से अधिक नए मामले 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चे थे, जिनमें से 368 को ग्रेड -2 विकलांगता का निदान किया गया था.
विश्व कुष्ठ दिवस से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
विश्व कुष्ठ दिवस की शुरुआत फ्रांसीसी पत्रकार राउल फोलेरेउ ने 1954 में दो लक्ष्यों के साथ की थी. पहला, कुष्ठ रोग से प्रभावित व्यक्तियों के लिए समान उपचार की सुविधा और दूसरा, रोग के बारे में गलत धारणाओं को ठीक करके जनता को फिर से शिक्षित करना. Raoul Folreau ने इस दिन का चयन महात्मा गांधी ( mahatma gandhi martyrdom day ) को श्रद्धांजलि देने के लिए किया था, क्योंकि कुष्ठ रोग के क्षेत्र में Mahatma Gandhi के कार्यों को दुनियाभर में जाना और माना जाता है.