ल्यूकोरिया (Leukorrhea) या श्वेत प्रदर वैसे तो हर उम्र की महिलाओं में हो सकने वाली आम बीमारी है, लेकिन यदि इस समस्या को अनदेखा किया जाय तो यह कैंसर जैसे घातक रोग का कारण भी बन सकती है.
उत्तरखंड की महिला योग विशेषज्ञ डॉ विजयलक्ष्मी बताती हैं कि महिलाओं की योनि से अलग-अलग समय में अलग-अलग प्रकार के स्राव होते हैं, जैसे मासिक धर्म के दौरान रक्तस्राव, सामान्य अवस्था में सफेद पानी जिसे संक्रमण होने पर श्वेत प्रदर नाम से भी जाना जाता है, रक्त मिश्रित पानी तथा सहवास के दौरान योनि में चिकनाई उत्पन्न करने के लिए होने वाला स्राव.
महिलाओं की योनि से होने वाला स्राव सामान्य हो तो कई समस्या नही पहुंचाता है. बल्कि कही न कही इससे योनि की सफाई होती रहती है. लेकिन यदि योनि से लगातार बदबूदार सफेद डिस्चार्ज हो रहा हो तथा उसी मात्रा भी अपेक्षाकृत ज्यादा हो . साथ ही स्राव के साथ योनि में खुजली, जलन या दर्द भी हो रहा हो, तो यह परेशानी का कारण बन सकता है.
डॉ विजयलक्ष्मी बताती हैं कि ल्यूकोरिया कई कारणों से हो सकता है. आमतौर इसके लिए बैक्टीरियल वेजिनोसिस और योनि खमीर संक्रमणजैसे संक्रमणों को जिम्मेदार माना जाता है. इसके अलावा अस्वच्छ शारीरिक संबंधों के कारण, बच्चे दानी के मुंह पर कोई संक्रमण या घाव, बच्चेदानी में समस्या तथा कैंसर होने की अवस्था में भी श्वेत प्रदर हो सकता है.
श्वेत प्रदर के लक्षण
जलन, दर्द या खुजली के साथ योनि से सफेद स्राव होना ही श्वेत प्रदर का एकमात्र लक्षण नही है. इसके अलावा भी यह समस्या होने पर हमारा शरीर अलग अलग तरह से संकेत देने लगता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- जब सफेद पानी अधिक गाढ़ा, चिपचिपा, बदबूदार तथा मटमैला या लाल-भूरी रंगत लिए हुए हो.
- डिस्चार्ज के साथ ही रोगी के हाथ-पैर, पिंडलियों और घुटनों में तथा सर में दर्द दर्द होने लगे.
- चक्कर , शरीर में कमजोरी, पेट के निचले हिस्से में दर्द तथा कमर में दर्द होने लगे.
- चेहरे का रंगत बदलना , भूख न लगना, चिड़चिड़ापन, किसी काम में मन न लगना, सिर के बालों का अधिक मात्रा में गिरना, कब्ज होना.
- बार-बार पेशाब आना, योनि का गीला रहना, योनि में खुजली या जलन होना.