गर्मी के मौसम ने धीरे-धीरे लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है. इस मौसम में बहुत सी स्वास्थ्य संबंधी विशेषकर त्वचा संबंधी समस्याएं लोगों को परेशान करती है. जिनमें से घमौरी सबसे आम मानी जाती है. यह एक ऐसी समस्या है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को परेशान कर सकती है, खासतौर पर ऐसे लोग जिनकी त्वचा बहुत ज्यादा संवेदनशील हो उनके लिए घमौरियां ज्यादा परेशानी का कारण बन सकती हैं. हालांकि घमौरियां एक तरह की त्वचा संबंधी समस्या ही है लेकिन सामान्य तौर पर जरा सी सावधानियां बरतकर तथा कुछ उपायों या घरेलू नुस्खों की मदद से घमौरियों से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है या उससे बचाव किया जा सकता है. लेकिन घमौरी से बचाव के बारे में बात करने से पहले यह जानना जरूरी है कि घमौरी आखिर किस तरह की समस्या है, यह क्यों होती है और इसका शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है.
क्या होती है घमौरियां:डर्मा क्लिनिक मुंबई की डर्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर सबा शेख बताती हैं कि घमौरियां गर्मी के मौसम में होने वाली त्वचा की सबसे आम बीमारी है. यह आमतौर पर पीठ, गर्दन और सीने पर छोटे-छोटे लाल दानों के रूप में नजर आती हैं. जिनमें ज्यादा खुजली, इरिटेशन या जलन होती रहती है. दरअसल गर्मियों के मौसम में पसीना काफी ज्यादा आता है लेकिन कई बार प्रदूषण, धूल-मिट्टी, गंदगी, त्वचा की मृत कोशिकाओं या किसी बैक्टीरिया के प्रभाव के चलते पसीने की ग्रंथियों का मुंह बंद हो जाता है. जिससे पसीना त्वचा की सतह तक नहीं पहुंच पाता है और प्रतिक्रिया स्वरूप त्वचा पर छोटे-छोटे लाल दाने निकलने लगते हैं. वह बताती हैं कि हालांकि यह कोई गंभीर समस्या नहीं है लेकिन इस समस्या में होने वाली खुजली तथा जलन व्यक्ति को काफी ज्यादा परेशान जरूर कर देती है.
घमौरियों के लिए घरेलू नुस्खे:इंदौर की प्राकृतिक व होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ स्मिता कांबले बताती है कि आमतौर पर घमौरियों के लिए ज्यादा महंगे इलाज की जरूरत नहीं होती है और घरेलू नुस्खों और थोड़ी सी सावधानी बरतने से घमौरियों की समस्या से काफी हद तक राहत पाई जा सकती है. वह बताती हैं कि प्राकृतिक चिकित्सा में ऐसे बहुत से उपाय हैं जिनके इस्तेमाल से घमौरियों की समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- एलोवेरा
डॉ स्मिता बताती हैं कि एलोवेरा का उपयोग घमौरियों में काफी फायदा देता है. वह बताती हैं कि ज्यादा गर्मियों में नियमित तौर पर यदि ताजे या फिर बाजार में मिलने वाले एलोवेरा जेल को भी घमौरियों पर 15 से 25 मिनट तक लगा कर छोड़ दिया जाए और फिर उसे पानी से धो लिया जाए तो इससे घमौरियों में काफी राहत मिलती है. - मुल्तानी मिट्टी
वह बताती हैं कि मुल्तानी मिट्टी को भी घमौरियों के उपचार के रूप में आदर्श माना जाता है. मुल्तानी मिट्टी में गुलाब जल मिलाकर उसका लेप बनाकर घमौरी वाले स्थान पर लगाने से घमौरी तथा उसके चलते होने वाली जलन और खुजली में भी राहत मिलती है. - कच्चे आलू का रस
कच्चे आलू को कसकर उसका रस निकाल कर घमौरी वाले स्थान पर लगाने से भी काफी फायदा मिलता है. आलू के रस को घमौरी वाली स्थान पर लगाकर लगभग 10 से 15 मिनट तक छोड़ देना चाहिए और उसके बाद उस स्थान को ठंडे पानी से साफ कर लेना चाहिए. इससे ना सिर्फ घमौरियों की समस्या कम होती है बल्कि त्वचा को और भी कई प्रकार के फायदे मिलते हैं. - मेहंदी
डॉक्टर स्मिता बताती है कि यदि किसी को त्वचा पर रंग चढ़ने में आपत्ति ना हो तो घमौरियों पर मेहंदी के पेस्ट का इस्तेमाल भी किया जा सकता है. दरअसल मेहंदी में प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल गुण, एस्ट्रेंजेँट तथा ऐसे तत्व होते हैं जो त्वचा में प्राकृतिक रूप से ठंडक बनाए रखते हैं. - हल्दी
मेहंदी की भांति हल्दी में भी एंटीबैक्टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं. पानी या गुलाब जल के साथ इसका उबटन बनाकर नहाने से पहले 5 से 10 मिनट तक प्रभावित स्थान पर लगाने सी घमौरियों में काफी राहत मिलती है. - खीरे का रस
डॉक्टर स्मिता बताती हैं कि गर्मियों के मौसम में घमौरियों पर खीरे के रस में नींबू की कुछ बुँदे मिलाकर लगाने से भी समस्या से काफी राहत मिलती है.