गर्भस्थ शिशु हो या नवजात, उनके सही शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी है की उनके शरीर को सही मात्रा में पोषक तत्व मिले. विटामिन डी3 एक ऐसा ही पोषक तत्व हैं, जिसकी कमी से ना सिर्फ शिशु बल्कि गर्भवती महिला को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. विटामिन डी की कमी गर्भवती महिलाओं तथा गर्भस्थ शिशु व नवजात के स्वास्थ्य पर कैसे असर डाल सकती है. इस बारे में जानने के लिए ETV भारत सुखीभवा की टीम ने वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. लतिका जोशी से बात की.
गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी
राष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन के अनुसार गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को रोजाना 15 माइक्रोग्राम विटामिन डी की आवश्यकता होती है. वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी से महिलाओं में प्री-एक्लेमप्सिया तथा प्री-मैच्योर बच्चे के जन्म जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.
डॉ. लतिका जोशी बताती हैं की हमारे देश में बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाओं में विटामिन डी की कमी पाई जाती है. विटामिन डी की कमी से गर्भवती माता के स्वास्थ पर तो असर पड़ता ही है, साथ ही गर्भस्थ शिशु के विकास तथा उसके स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है. दरअसल विटामिन डी मां तथा शिशु दोनों के शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट सहित कई जरूरी पोषक तत्वों के स्तरों को ठीक रखने में मदद करता है, जो बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए जरूरी होते है.
डॉ. लतिका बताती हैं की यदि गर्भवती महिला के शरीर में विटामिन डी की कमी हो, तो गर्भस्थ शिशु को भी अपनी जरूरत से कम कैल्शियम मिलेगा. जिसके कारण उसके दांत व हड्डियों सहित सम्पूर्ण विकास पर असर पड़ सकता है. इस कमी के ज्यादा बढ़ने पर उसे सूखा रोग (रिकेट्स) भी हो सकता है.
नवजातों पर विटामिन डी की कमी का असर
जब किसी नवजात शिशु या बच्चे को किसी भी कारण से पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी नहीं मिलता है, तो उसके शरीर में विटामिन डी का स्तर कम होने लगता है. जिसका सीधा असर उसके शारीरिक और मानसिक विकास पर पड़ता है. डॉ. लतिका बताती है की विटामिन डी एक ऐसा पोषक तत्व है, जो शरीर को खाद्य पदार्थों से मिलने वाले कैल्शियम और फॉस्फेट को अवशोषित करने में मदद करता है. कैल्शियम, फॉस्फेट व विटामिन-डी मिलकर हड्डियों का निर्माण करने और उन्हें मजबूत बनाने में मदद करते हैं. इसके अलावा, विटामिन-डी दिल के स्वास्थ्य, संक्रमण से लड़ने और हड्डी संबंधी रोगों को दूर करने में भी अहम भूमिका निभाता है.
विटामिन-डी की कमी के लक्षण
विटामिन-डी की कमी के लक्षण हर मां और बच्चे में अलग-अलग हो सकते हैं. इसके कुछ आम लक्षण इस प्रकार हैं;