स्तन कैंसर, देश और दुनिया में महिलाओं में होने वाला सबसे प्रमुख कैंसर है। भारत की बात करें तो स्तन कैंसर को लेकर जागरूकता में कमी तथा महिलाओं में इस रोग को लेकर जांच संबंधी विभिन्न प्रकार के आयोजनों व गतिविधियों में कमी के चलते तथा सही समय पर इलाज ना हो पाने के कारण हर साल बहुत सी महिलाएं अपने जीवन से हाथ धो बैठती हैं। स्तन कैंसर के क्षेत्र में काम कर रही उषा लक्ष्मी ब्रेस्ट कैंसर फाउंडेशन, हैदराबाद के संस्थापक, सीईओ, निदेशक तथा स्तन कैंसर विशेषज्ञ डॉ. पी. रघुराम बताते हैं की आज भी हमारे समाज में स्तन कैंसर को लेकर लोगों में बात करने में असहजता होती है। विशेष तौर पर महिलाएं स्तनों में किसी भी प्रकार की समस्या या असहजता महसूस होने पर अपने परिवार को इस संबंध में बताने में शर्म महसूस करती हैं।
वे बताते हैं की महिलाओं में स्तन कैंसर की गंभीरता को जन- जन तक पहुंचाने, लोगों को इस संबंध में बात करने के लिए मुखर होने का प्रयास करने तथा महिलाओं में स्तन कैंसर के शुरुआती लक्षण नजर आने पर चिकित्सीय सलाह लेने के लिए प्रेरित करने का उद्देश्य लेकर उषा लक्ष्मी ब्रेस्ट कैंसर फाउंडेशन कार्य कर रही है।
वर्ष 2002 में हैदराबाद की प्रसिद्ध ऑब्सटेट्रिशियन तथा गायनाकोलॉजिस्ट डॉ. उषा लक्ष्मी में स्तन कैंसर की पुष्टि होने तथा उनके इस रोग के साथ संघर्ष से प्रेरणा लेते हुए उनके पुत्र डॉ. रघुराम ने स्तन कैंसर के खिलाफ एक मुहिम शुरू की, जिसका नतीजा है वर्ष 2007 में शुरू हुआ 'उषा लक्ष्मी ब्रेस्ट कैंसर फाउंडेशन', जो कि एक चैरिटेबल फाउंडेशन है।
गौरतलब है की उषा लक्ष्मी ब्रेस्ट केयर फाउंडेशन की ओर से सर्वप्रथम वर्ष 2008 में अक्टूबर के महीने में, जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जा रहा था, पहली बार वार्षिक 'पिंक रिबन वॉक' की शुरुआत की गई थी। अंग्रेजी के स्लोगन 'डज योर हार्ट बीट फॉर अर्ली डिटेक्शन ऑफ ब्रेस्ट कैंसर' के साथ लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित हुई इस वॉक का अब तक 12 बार सफल आयोजन किया जा चुका है। इस आयोजन की सफलता का साक्ष्य यह है कि इस आयोजन को हैदराबाद के कैलेंडर का बेंच मार्क वार्षिक आयोजन माना जाता है। हैदराबाद में इस आयोजन की सफलता के उपरांत फाउंडेशन द्वारा वारंगल, विजयवाड़ा तथा विशाखापट्टनम जैसे शहरों में भी पिंक रिबन वॉक का आयोजन किया गया।
उषा लक्ष्मी ब्रेस्ट केयर फाउंडेशन, पिंक रिबन वॉक के दिन हैदराबाद की कई ऐतिहासिक और नामी इमारतों जैसे चारमीनार, बुद्धा स्टेच्यू, लेजिस्लेटिव असेंबली, रविंद्र भारती, संयुक्त राष्ट्र की कॉन्स्युलेट इमारत तथा के.आई. एम.एस. अस्पतालों की इमारतों को रोशन करता है।
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सरल नहीं है राह
डॉ. रघुराम फाउंडेशन के कार्यों के दौरान आने वाली समस्याओं की जानकारी देते हुए बताते हैं की स्तन कैंसर की प्रमुख जांच मानी जानी वाली मैमोग्राफी जांच विभिन्न आर्थिक, भौगोलिक और सामाजिक कारणों के चलते हर महिला के लिए संभव नहीं है। विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अभी भी स्तन में गांठ तथा अन्य समस्याओं को लेकर चिकित्सक के पास जाने में शर्म तथा असहजता महसूस करती हैं।