हमारे शरीर में ब्लड सेल्स को नियंत्रित करने, त्वचा नर्वस सिस्टम को संतुलित रखने के लिए विटामिन बहुत जरूरी होते हैं, जो सामान्य रूप से हमे हमारे रोजमर्रा के खानपान में मिल जाते हैं. लेकिन कई बार लोग ज्यादा बेहतर स्वास्थ की कामना से बगैर चिकित्सीय सलाह के मल्टीविटामिन लेना शुरू कर देते हैं. जिसके चलते उनके शरीर में विटामिन की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है. जिससे शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है. साथ ही शरीर के तंत्रों के कार्य करने की क्षमता पर भी असर पड़ता है. बगैर चिकित्सीय सलाह के मल्टीविटामिन की दवाइयां लेना उचित है? इस बारे में ETV भारत सुखीभवा टीम ने डॉ. राजेश वुक्काला एमडी जनरल मेडिसिन तथा कंसलटेंट फिजिशियन वीआई एनएन अस्पताल, हैदराबाद से बात की.
शरीर को विटामिन की जरूरत
डॉ. राजेश वुक्काला बताते हैं की मानव शरीर के विकास के लिए विटामिन सबसे महत्वपूर्ण खनिजों में से एक है. विटामिन हमारे इम्यून सिस्टम को बूस्ट, घावों को भरने, कई रोगों से शरीर को बचाने में तथा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का कार्य करता है. विटामिन के कई प्रकार होते हैं जो कि हमारे शरीर के अलग-अलग अंगों और तंत्रों को स्वस्थ व सक्रिय रखने में मदद करते हैं. आमतौर पर सभी विटामिन हमें रोजमर्रा के खाने में सरलता से मिल जाते हैं. कुछ विशेष परिस्थितियों में ही ऐसा होता है, जब किसी कारणवश भोजन के माध्यम से जरूरी विटामिन शरीर को नहीं मिल पाते है. इस अवस्था में चिकित्सक मरीज को सप्लीमेंट्स यानि दवाओं के माध्यम से विटामिन की अतिरिक्त खुराक लेने की सलाह देते है.
लेकिन कई बार लोग इस विचार के साथ की उनके शरीर में किसी प्रकार की परेशानी ना हो, लोग अपने आप मल्टीविटामिन लेने लगते हैं, जो गलत है. किसी भी अवस्था में स्वयं कोई भी दवाई या टॉनिक लेने से बचना चाहिए. क्योंकि शरीर में विटामिन की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ने पर शरीर के विभिन्न तंत्रों के कार्यों पर असर पड़ता है.
डॉ. राजेश वुक्काला बताते हैं पिछले कुछ समय में जैसे-जैसे लोगों में जागरूकता बढ़ रही है, अब लोग मल्टीविटामिन की बजाय आपनी जांच करवा कर सिर्फ जरूरी सप्लीमेंट्स का सेवन करने लगे है, जो सही है और सुरक्षित भी.
विटामिन के प्रकार
विटामिन के 13 प्रकार माने गए हैं, जो इस प्रकार है;
⦁ विटामिन ए : विटामिन ए जिसे रेटिनॉल नाम से भी जाना जाता है, हमारे आंखों के स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है. आंखों के धब्बेदार विकार 'मैक्यूलर डीजेनरेशन' मोतियाबिन्द से बचाव के लिए विटामिन ए आवश्यक होता है. इसके अलावा मुहांसों और त्वचा रोगों से बचाव व मुक्ति के लिए यह सहायक होता है. विटामिन ए कैरोटिनॉइड के रूप में बालों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखता है.
⦁ विटामिन बी-1 : विटामिन बी-1 को थायमिन भी कहा जाता है. थायमिन मेटाबोलिज्म बढ़ाने, मस्तिष्क के विकास, बेरी-बेरी रोग, हृदय रोग तथा पाचन संबंधी रोगों को दुरुस्त रखने के लिए बहुत जरूरी होता है.
⦁ विटामिन बी-2 :इसे राइबोफ्लेविन भी कहा जाता है. विटामिन बी2 मोतियाबिंद, एनीमिया यानि खून की कमी, और तंत्रिका तंत्र में सुधार लाता है. यह मुंह के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है.