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अमेरिका ने कोविड-19 मरीजों में प्रतिरक्षा नापने के लिए शुरू किए क्लीनिकल ट्रायल - इम्युनिटी मॉड्यूलेटर के सुरक्षा और प्रभाव का मूल्यांकन

अमेरिका में कोविड-19 के मरीजों की इम्युनिटी मॉड्यूलेटर के तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू की गई है. मरीजों में इम्युनिटी मॉड्यूलेटर के सुरक्षा और प्रभाव का मूल्यांकन किया जाएगा, जो उन्हें वेंटिलेटर की जरूरत और अस्पताल में रुकने के समय में कमी ला सकता है.

Clinical trial of immunity modulator started
इम्युनिटी मॉड्यूलेटर का क्लीनिकल ट्रायल शुरू

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Published : Oct 17, 2020, 5:32 PM IST

अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) ने अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के वयस्क मरीजों में 3 इम्युनिटी मॉड्यूलेटर ड्रग्स की सुरक्षा और प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया है.

दरअसल, कोविड-19 रोगियों में इम्यून प्रतिक्रिया का अनुभव हुआ, जिनके इम्यून सिस्टम ने ढेर सारा प्रोटीन रिलीज किया और उसने इनफ्लेमेशन को बढ़ावा दिया. इस क्लीनिकल ट्रायल का उद्देश्य यह निर्धारित करना है कि क्या इम्यून को लेकर मिलने वाली प्रतिक्रिया वेंटिलेटर की जरूरत को कम कर सकती है और मरीजों के अस्पताल में रुकने के समय को कम कर सकती है.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एक्टिव -1 इम्यून मॉड्यूलेटर नाम का ट्रायल यह निर्धारित करेगा कि चिकित्सा बेहद सक्रिय इम्यून सिस्टम के लिए संतुलन ला सकती है या नहीं.

इस ट्रायल को संयुक्त राज्य अमेरिका और लैटिन अमेरिका की कोविड अस्पतालों में भर्ती करीब 2,100 मरीजों पर किए जाने की उम्मीद है.

ट्रायल में शामिल लोगों को एक प्लेसबो या इम्यून मॉड्यूलेटर दिया गया. एनआईएच के अनुसार, बीमारी की गंभीरता, ठीक होने की गति, मृत्यु दर और अस्पतालों के संसाधन के उपयोग के संबंध में विभिन्न प्रकार के कॉम्बिनेशन का अध्ययन करेगी.

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