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नौकरी में नाउम्मीदी हो सकती है आत्महत्या का कारण : शोध - job uncertainty freaks

एक अध्ययन के अनुसार निचला स्तर और छोटा-मोटा काम करने वाले लोगों में मौत का आंकड़ा बढ़ गया है. इनमें नौकरी ना मिलने और नौकरी खोने के डर ने मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित किया है और उन्हें नशीली दवाओं और आत्महत्या के लिए प्रेरित किया है.

Uncertainty of job became the cause of death
नौकरी की अनिश्चितता बना मौत का कारण

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Published : Dec 12, 2020, 5:22 PM IST

एक अध्ययन में खुलासा हुआ है कि नौकरी की कमी ने कामकाजी लोगों को डिप्रेशन में डाल दिया है. यह स्थिति उन्हें आत्महत्या या नशीली दवाओं के कारण अकाल मृत्यु के लिए प्रेरित करती है. जामा नेटवर्क द्वारा 1980 के दशक में अध्ययन शुरू किया, जब 11,680 पुरुष अपने हाई स्कूल में थे और यह शोध उनके नौकरी मिलने तक जारी रहा.

मौत के आंकड़ों में तीन गुना बढ़ोतरी

अमेरिका के ऑस्टिन में टेक्सास विश्वविद्यालय के लेखक चंद्र मुलर कहते है कि अध्ययन के परिणामों के अनुसार जो बिना डिग्री वाली नौकरी कर रहे थे, उन्हें बाद में नौकरी नहीं मिली, क्योंकि हाथ का काम कम हो गया था, और पढ़े लिखे लोगों को ज्यादा काम मिलने लगा . इसके कारण पुरुषों में तीन गुना आत्महत्या और नशीली दवाओं से मौत में बढ़ोतरी देखी गई, क्योंकि वो जो नौकरी चाहते थे, उसके लिए बैचलर डिग्री की जरूरत होती है. नौकरी एक प्रमुख भूमिका निभाती है व्यक्ति की जीवन शैली तय करने में और यही उसे मानसिक रूप से भी प्रभावित करती है.

मुलर कहते है कि, यह संभव है कि किशोरावस्था में विकसित व्यावसायिक उम्मीदें वयस्क होने के बाद सफलता के मायने तय करती है. लेकिन उम्मीद पूरी ना हो, तो व्यक्ति के लिए घातक साबित हो सकती है. शोधकर्ताओं ने हाई स्कूल और बियॉन्ड कोहोर्ट के डेटा का उपयोग कर दो ट्रेंड के बीच संबंधों की जांच की. 1980 के दशक की शुरुआत में 11,680 पुरुषों पर जांच की, फिर 1992 में, फिर से 2015 में की गई.

आत्महत्या और नशीली दवाओं से मौत बढ़े

अध्ययन से पता चला कि 1992 और 2015 के बीच, छह फीसदी से कम प्रतिभागियों की मौत हुई थी. शोधकर्ताओं ने आत्महत्या और नशीली दवाओं से हुई मौतों का अन्य कारणों से असमय मृत्यु जैसे दिल का दौरा और कैंसर से तुलना की हैं .

कंधे पर परिवार की जिम्मेदारी

शोध में पाया गया कि अधिकांश पुरुष सुसाइड या नशीली दवाओं से मरते है, क्योंकि वह अपने परिवार को पालने और भरण-पोषण करने के लिए हाथ के काम जैसे मजदूरी, नलसाज, ठठेरा वगैरह करते है, जो आगे जाकर कम पड़ने लगता है. अध्ययन से पता चला है कि ना तो शैक्षिक प्राप्ति और ना ही वास्तविक नौकरी ने आत्मघाती मृत्यु के लिए जोखिम को बढ़ाया है.

सुसाइड और नशीली दवाओं से मौत का कारण

शोध में पाया गया है कि जो पुरुष प्राकृतिक कारणों से मर गये उनका व्यवसायिक अपेक्षाओं से हुई मौत से संबंध नहीं है. यह तुलना निष्कर्षों को और मजबूत करती है कि कामकाजी-वर्ग की नौकरियों में गिरावट और निराशा की मौत के बीच एक कड़ी है. निष्कर्ष कहता है कि कामकाजी-वर्ग की नौकरियों के बंद होते दरवाजे पुरुषों में सुसाइड और नशीली दवाओं के सेवन से मौत को बढ़ावा दे रहा है.

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