आमतौर पर किसी भी रोग या समस्या के लिए लोग एलोपैथिक उपचार की तरफ जाते हैं, लेकिन एलोपैथिक के अलावा और भी कई अन्य प्रकार की वैकल्पिक चिकित्सा व उपचार पद्धतियां हैं , जो अलग-अलग प्रकार की समस्याओं के उपचार में काफी सफल रहती हैं. जैसे आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी आदि. इनमें से यूनानी चिकित्सा एक ऐसी पद्धति हैं जिसका पालन कई देशों में किया जाता है. लेकिन एक सफल वैकल्पिक उपचार पद्धती होने के बावजूद यह वैश्विक स्तर पर अपेक्षाकृत कम प्रचलित है. क्योंकि लोगों में इसे लेकर ज्यादा जागरूकता नहीं है.
वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में यूनानी चिकित्सा की उपयोगिता और क्षमता को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से हर साल विश्व यूनानी दिवस 11 फरवरी को मनाया जाता है. इस वर्ष यह दिवस Unani Medicine for Public Health ( यूनानी मेडिसिन फॉर पब्लिक हेल्थ थीम ) पर मनाया जा रहा है. World Unani Day भारत के यूनानी हकीम अजमल खान ( Unani Hakim Ajmal Khan ) को श्रद्धांजलि देने के लिए भी मनाया जाता है, जिन्होंने यूनानी प्रणाली को पुनर्जीवित और लोकप्रिय बनाने के लिए काफी कार्य किया था. जिनका जन्मदिन 11 फरवरी को मनाया जाता है.
विश्व यूनानी दिवस का इतिहास व उद्देश्य
World Unani Day का मुख्य उद्देश्य विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के बीच यूनानी चिकित्सा पद्धति की उपयोगिता के बारे में जागरूकता फैलाना है तथा इसके माध्यम से लोगों को स्वस्थ जीवन जीने में मदद करना है. गौरतलब है कि Unani medicine system को एक वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति की श्रेणी में रखा जाता है तथा इसकी उत्पत्ति सबसे पहले प्राचीन ग्रीस में हुई थी. यूनानी चिकित्सा प्रणाली हिप्पोक्रेट्स ( Hippocrates ) और उसके अनुयायियों द्वारा चलाई गई थी, लेकिन 1868 में भारत में जन्मे Unani Hakim Ajmal Khan ने भारत में यूनानी चिकित्सा के विकास और विस्तार के लिए काफी प्रयास किये थे तथा यूनानी चिकित्सा को एक पहचान दिलाई थी. वर्तमान में भारत, पाकिस्तान, पर्शिया और साउथ अफ्रीका व इंग्लैंड सहित कई देशों में इस उपचार प्रणाली का इस्तेमाल किया जा रहा है.