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Blood Disorders : यूके ने सिकल सेल, थैलेसीमिया के इलाज के लिए दुनिया की पहली जीन थेरेपी को दी मंजूरी

Blood Disorders Treatment : यूके की रेगुलेटरी एजेंसी MHRA ने 12 साल और अधिक उम्र के सिकल सेल रोग और ट्रांसफ्यूजन बीटा-थैलेसीमिया वाले रोगियों के लिए कैसगेवी नामक नए उपचार को अधिकृत किया है.

thalassemia sickle cell new Treatment gene therapy approved by UK MHRA
सिकल सेल

By IANS

Published : Nov 18, 2023, 2:43 PM IST

लंदन : ब्रिटेन ने जीन-एडिटिंग टूल CRISPR का इस्तेमाल करके रक्त विकारों सिकल-सेल और थैलेसीमिया के इलाज के लिए दुनिया की पहली जीन थेरेपी को मंजूरी दे दी है, जिसने इसके आविष्कारकों को 2020 में नोबेल पुरस्कार दिलाया था. अब तक, अस्थि मज्जा (Bone marrow) प्रत्यारोपण ही एकमात्र स्थायी उपचार विकल्प रहा है. यूके की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने 12 साल और उससे अधिक उम्र के सिकल सेल रोग और ट्रांसफ्यूजन बीटा-थैलेसीमिया वाले रोगियों के लिए कैसगेवी नामक नए उपचार को अधिकृत किया है.

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सिकल सेल रोग और बीटा-थैलेसीमिया दोनों आनुवंशिक स्थितियां हैं, जो हीमोग्लोबिन के जीन में त्रुटियों के कारण होती हैं, जिसका उपयोग लाल रक्त कोशिकाओं द्वारा शरीर के चारों ओर ऑक्सीजन ले जाने के लिए किया जाता है. कैसगेवी को मरीज की बोन मेरो स्टेम कोशिकाओं में दोषपूर्ण जीन को संपादित करके काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि शरीर कार्यशील हीमोग्लोबिन का उत्पादन कर सके. ऐसा करने के लिए, स्टेम कोशिकाओं को बोन मेरो से बाहर निकाला जाता है, एक प्रयोगशाला में संपादित किया जाता है और फिर रोगी में वापस डाला जाता है जिसके बाद परिणाम जीवन भर रहने की संभावना होती है.

सिकल सेल लक्षण
सिकल सेल रोग वाले लोगों में, आनुवंशिक त्रुटि के कारण बहुत गंभीर दर्द, संक्रमण और एनीमिया (जिससे आपके शरीर को ऑक्सीजन ले जाने में कठिनाई होती है) हो सकती है. बीटा-थैलेसीमिया रोगियों में, यह गंभीर एनीमिया का कारण बन सकता है. मरीजों को अक्सर हर 3 से 5 सप्ताह में ब्लड ट्रांसफ्यूजन और इंजेक्शन और दवाओं की आवश्यकता होती है. एमएचआरए में हेल्थकेयर क्वालिटी एंड एक्सेस के अंतरिम कार्यकारी निदेशक जूलियन बीच ने एक बयान में कहा, "सिकल सेल रोग और बीटा-थैलेसीमिया दोनों दर्दनाक, जीवन भर रहने वाली स्थितियां हैं, जो कुछ मामलों में घातक हो सकती हैं."

सिकल सेल रोग के लिए कैसगेवी की मंजूरी 29 मरीजों के क्लीनिकल ट्रायल पर आधारित रही, जिनमें से 28 (97 प्रतिशत) उपचार के बाद कम से कम 12 महीने तक गंभीर दर्द संकट से मुक्त थे. बीटा-थैलेसीमिया के क्लीनिकल ट्रायल में 42 मरीजों में से 39 (93 प्रतिशत) को उपचार के बाद कम से कम 12 महीने तक रेड ब्लड सेल ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता नहीं पड़ी. शेष तीन में रेड ब्लड सेल ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता में 70 प्रतिशत से अधिक की कमी आई.

उपचार के दुष्प्रभाव ऑटोलॉगस स्टेम सेल प्रत्यारोपण से जुड़े दुष्प्रभावों के समान थे, जिनमें मतली, थकान, बुखार और संक्रमण का खतरा बढ़ गया था. एमएचआरए ने कहा कि परीक्षणों के दौरान कोई महत्वपूर्ण सुरक्षा चिंता की पहचान नहीं की गई, उपचार की सुरक्षा का आगे विश्लेषण किया जाएगा. कैसगेवी का मूल्यांकन वर्तमान में अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) द्वारा किया जा रहा है और अगले महीने एजेंसी की मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

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