हमारा मौखिक स्वास्थ्य हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है. हम जो भी खाते हैं वह हमारे मुंह से ही हमारे शरीर में पहुंचता है. ऐसे में यदि हमारे मुंह में किसी भी कारण से किसी संक्रमण या रोग का प्रभाव हो तो हमारे मुंह से शरीर में प्रवेश करने वाला आहार भी दूषित हो सकता है जो कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है. दांतों व मुंह की नियमित सफाई कई बीमारियों तथा परेशानियों से बचा सकती हैं. ऐसे में लोगों को मुंह के स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने की जरूरत के बारे में जागरूक करने तथा उन्हे अपनी मुंह की सेहत को बनाए रखने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल 20 मार्च को “विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस या वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे” मनाया जाता है.
इतिहास, महत्व तथा थीम
हर उम्र के लोगों में मौखिक स्वास्थ्य और मौखिक स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से वर्ष 2007 में सबसे पहली बार इस दिवस को मनाया गया था. World Dental Federation - FDI द्वारा वर्ष 2007 में 12 सितंबर को एफडीआई के संस्थापक डॉ. चार्ल्स गोडॉन की याद में पहली बार इस दिवस को मनाया गया था. लेकिन वर्ष 2013 में इस आयोजन को मनाए जाने की तिथि को बदल कर 20 मार्च कर दिया गया था. जिसके बाद से हर साल वैश्विक स्तर पर अलग-अलग थीम पर इस दिवस को मनाया जाता है.
Be Proud Of Your Mouth : बी प्राउड ऑफ योर माउथ
इस वर्ष विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस 2023 अभियान 'बी प्राउड ऑफ योर माउथ' थीम के साथ मनाया जा रहा है. जिसके तहत सभी लोगों से जीवन भर अपनी मुस्कान की देखभाल के लिए अपने मौखिक स्वास्थ्य की देखभाल करने का आह्वान किया जा रहा है. गौरतलब है कि विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर दुनिया भर में डेंटल संगठन मुफ्त डेंटल स्क्रीनिंग कैंप, ओरल हेल्थ से संबंधित सेमिनार, चर्चाएं तथा अन्य कार्यक्रम आयोजित करते हैं. इस बार इस अवसर पर विभिन्न आयोजकों द्वारा सोशल मीडिया पर #WorldOralHealthDay, #WOHD23, #MouthProudChallenge या #GoMouthProud के साथ जागरूकता संदेश फैलाने तथा वीडियो अपलोड करने की अपील भी की जा रही है. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग अपने मुंह की देखभाल या मौखिक स्वास्थ्य की जरूरत को लेकर जागरूक हों तथा इसके लिए सभी जरूरी बातों का पालन करें.
जरूरी है सेहतमंद मौखिक स्वास्थ्य
गौरतलब है कि एक बच्चे के मुंह में 20 दांत होते हैं और माना जाता है कि वरिष्ठ नागरिकों के जीवन के अंत तक उनके मुंह में भी कम से कम 20 दांत होने ही चाहिए. यह उनके स्वस्थ मौखिक स्वास्थ्य का परिणाम होता है. दरअसल स्वस्थ मसूढ़े , मजबूत दांत, तटस्थ सांस और साफ जीभ , अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का संकेत होते हैं. लेकिन कई बार इनमें समस्या ना सिर्फ किसी शारीरिक रोग का कारण बन सकती है बल्कि इन समस्याओं को कई बार कई आम तथा गंभीर रोगों के लक्षणों में भी गिना जाता है.
क्या कहते हैं आंकड़े
मौखिक स्वास्थ्य एक बहुत ही उपेक्षित विषय है, क्योंकि ज्यादातर लोग दांतों या मुंह से जुड़ी समस्याओं के बारे में ना तो चर्चा करते हैं और ना ही उन पर तब तक ध्यान नहीं देते हैं जब तक वे ज्यादा परेशान ना करने लगें. दरअसल आज भी बड़ी संख्या में लोग मौखिक स्वच्छता बनाए रखने के महत्व से अनभिज्ञ रहते हैं, जिसके कारण वे अपने दांतों व मुंह की स्वचछता को लेकर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और फिर बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं.