दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sukhibhava

कोविड-19 से लड़ाई में गेमचेंजर साबित हो सकती है नई दवा मोल्नूपीराविर

कोरोनावायरस के रोकथाम और इलाज के लिए कई प्रयास किये जा रहे है. इसी क्रम में फार्मास्यूटिकल कंपनी मार्क और रिजबैंक एक साथ मिलकर नई दवा मोल्नूपीराविर का विकास किया है. शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि यह दवा बहुत अधिक प्रभावशाली है और यह गेमचेंजर साबित हो सकती है.

Molnupiravir to stop COVID-19 in 24 hours
मोल्नूपीराविर 24 घंटे में खत्म करेगा कोविड-19

By

Published : Dec 10, 2020, 12:29 PM IST

भले ही दुनिया कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए कई वैक्सीन पर तेजी से चल रही प्रगति को चीयर्स कर रही है, लेकिन संक्रमितों के लिए असरकारक दवा को लेकर वैज्ञानिक अभी भी शोध में जुटे हुए हैं. अब वैज्ञानिकों की एक टीम ने दावा किया है कि उन्होंने एक ऐसी दवा ढूंढ ली है, जो किसी भी व्यक्ति के शरीर में मौजूद कोरोनावायरस को महज 24 घंटे में खत्म करने में सक्षम है. इस दवा को मोल्नूपीराविर नाम दिया गया है. इसे फार्मास्यूटिकल कंपनी मार्क और रिजबैंक एक साथ मिलकर बना रहे हैं. यह दवा सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के खिलाफ अपने दूसरे/तीसरे नैदानिक परीक्षणों (क्लीनिकल ट्रायल) में है.

अमेरिका में जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट फॉर बायोमेडिकल साइंसेज के शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि सार्स-सीओवी-2 संक्रमण का इलाज एक नई एंटी वायरल दवा मोल्नूपीराविर से किया जा सकता है. दावा किया गया है कि यह दवा इतनी प्रभावी है कि 24 घंटे के भीतर वायरस पूरी तरह से खत्म हो जाता है.

जॉर्जिया स्टेट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रिचर्ड प्लेंपर के नेतृत्व में समूह ने मूल रूप से पता लगाया कि दवा इन्फ्लूएंजा वायरस के खिलाफ शक्तिशाली है.

अध्ययन के लेखक रिचर्ड प्लेंपर के मुताबिक, कोरोना के इलाज के लिए गटकी जाने वाली दवाई के तौर पर यह पहली दवा है और कोरोना के इलाज में यह गेम-चेंजर साबित हो सकती है.

शोधकर्ताओं ने कहा, 'क्योंकि यह दवा सामान्य रूप से ही निगल कर खाई जाने वाली है, इसलिए इसके लाभ भी अन्य से तीन गुना तेजी से देखने को मिलते हैं. मरीज के लक्षणों को देखते हुए यह दवा इस्तेमाल में लाई जा सकती है.'

उन्होंने कहा कि मुंह से ली जाने वाली इस दवा का प्रदर्शन अच्छा है और यह तेजी से सार्स-सीओवी-2 ट्रांसमिशन को ब्लॉक करने का काम करती है.

बड़े पैमाने पर टीकाकरण उपलब्ध होने तक कोविड-19 का व्यापक सामुदायिक प्रसारण बाधित करना कोविड-19 के प्रबंधन के लिए सर्वोपरि है और यह महामारी के भयावह परिणामों को कम करता है.

प्लेंपर ने कहा कि शुरुआती शोध में इस दवा को इंफ्लूएंजा जैसे जानलेवा फ्लू को खत्म करने में असरदार पाया गया था, जिसके बाद कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए इस पर शोध किया गया. इस दौरान वैज्ञानिकों ने कुछ जानवरों को पहले कोरोना से संक्रमित किया और उसके बाद जैसे ही उन जानवरों ने नाक से वायरस को छोड़ना शुरू किया, उन्हें तुरंत मोल्नूपीराविर दवा दी गई.

मोल्नूपीराविर दवा देने के बाद संक्रमित जानवरों को स्वस्थ जानवरों के साथ एक ही पिंजरे में रखा गया, ताकि यह देखा जा सके कि उनमें संक्रमण फैलता है या नहीं.

इस अध्ययन के सह लेखक जोसफ वुल्फ ने बताया कि शोध के दौरान यह पाया गया कि संक्रमित जानवरों से स्वस्थ जानवरों में संक्रमण नहीं फैला. उनका कहना है कि इस दवा का इस्तेमाल अगर संक्रमित मरीजों पर किया जाता है, तो महज 24 घंटे में ही मरीज के शरीर से संक्रमण खत्म हो जाएगा.

रिपोर्ट्स में बताया गया है कि काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) जल्द ही दवा के लिए मानव नैदानिक परीक्षण करने पर निर्णय लेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details