राष्ट्रीय राजधानी में पिछले साल मार्च में कोरोनावायरस महामारी की चपेट में आने वाले पहले फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर को सोमवार को कोविशील्ड वैक्सीन की पहली खुराक दी गई. वह खुशी से झूम उठे. पूर्वी दिल्ली के एक मोहल्ला क्लीनिक में तैनात गोपाल झा 12 मार्च को कोरोना वायरस की चपेट में आए थे. सऊदी अरब की यात्रा कर लौटी एक संक्रमित महिला इलाज के लिए क्लीनिक पहुंची थी. उसके संपर्क में आने पर वह संक्रमित हो गए थे. ठीक होने में उन्हें दो सप्ताह लगे थे.
झा ने आईएएनएस को बताया, 'जिस महिला का इलाज करते हुए मैं संक्रमित हुआ, वह भारत में कोविड-19 का 10वां मामला था. मैं दिल्ली में संक्रमित होने वाले डॉक्टरों में पहला व्यक्ति था. राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में आज टीका लगने के बाद मैं प्रफुल्लित महसूस कर रहा हूं. मेरा परिवार भी अब चिंतामुक्त हो गया है.'
उनकी पत्नी अल्पना झा, जो जाफराबाद क्षेत्र में एक मोहल्ला क्लिनिक में काम करती हैं, उन्हें भी टीका लगाया गया है. वह अपनी बेटी के साथ मार्च में ही संक्रमित हो गई थी.
51 वर्षीय डॉक्टर ने कहा कि उन्हें कोविशील्ड वैक्सीन दी गई है और इसे लेने के बाद उन्हें कोई साइड इफेक्ट महसूस नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा, 'मैं सभी से अनुरोध करूंगा कि वे वैक्सीन लें, संकोच ना करें.'
झा ने कहा कि जब भी उनकी बारी आएगी, तो वह अपनी 87 वर्षीय मां, जो लंबे समय से फेफड़े संबंधी बीमारी से जूझ रही हैं, उन्हें भी वैक्सीन दिए जाने पर जोर देंगे.