हैदराबाद : ठंड के मौसम में पांव की उंगलियों में सूजन की समस्या काफी लोगों को परेशान करती है. हालांकि सामान्य परिस्थितियों में इसे गंभीर रोग या समस्या नहीं माना जाता है लेकिन सूजन के कारण पांव की उंगलियों में जलन, दर्द या कई बार जख्म लोगों की परेशानियां काफी ज्यादा बढ़ा सकते हैं. उत्तराखंड के देहरादून शहर के फिजिशियन डॉक्टर रितेश चौधरी बताते हैं कि ठंडी के मौसम में देश के ऐसे इलाके जहां ठंड बहुत ज्यादा पड़ती है , लोगों में यह समस्या ज्यादा देखने में आती है.
क्या है कारण तथा प्रभाव :वह बताते हैं कि हालांकि कभी-कभी कुछ शारीरिक समस्याएं, अवस्थाएं या रोग भी पांव की उंगलियों में सूजन, खुजली या दर्द का कारण बन सकते हैं . लेकिन सर्दियों में इस समस्या के लिए सामान्य तौर पर ज्यादा ठंड के कारण नसों में सिकुड़न तथा रक्त के प्रवाह पर असर को जिम्मेदार माना जा सकता है. वह बताते हैं कि कई बार शरीर में कुछ विशेष प्रकार के पोषक तत्व जैसे विटामिन बी12, विटामिन बी6 और विटामिन बी9 या फोलिक एसिड की कमी होने पर भी पैरों में जलन और मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्या होने लगती है. वहीं मधुमेह, थायराइड या हाइपोथायरायडिज्म के कारण भी पांव में जलन या Swelling in toes जैसी समस्याएं ट्रिगर हो सकती हैं. इसके अलावा रूमेटाइड अर्थराइटिस , गाउट, लाइम डिजीज, स्केलोडर्मा और सिफलिस जैसे कुछ रोगों व संक्रमणों में भी यह समस्या देखने में आ सकती है.
डॉक्टर रितेश चौधरी बताते हैं कि सर्दियों में यह समस्या आमतौर पर तब ट्रिगर होती है जब ज्यादा ठंड होने पर शरीर में नसों व रक्त वाहिकाओं में सिकुड़न होने के कारण पांव में ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित या कम होने लगता है. ऐसे में आमतौर पर उंगलियों में सूजन आ सकती है. जिसके ज्यादा बढ़ने पर पांव में खुजली , दर्द और उंगलियों के लाल होने जैसी समस्या होने लगती है. वहीं अगर समय रहते इस समस्या पर नियंत्रण के लिए प्रयास ना किया जाय तो सूजन, दर्द व खुजली ज्यादा बढ़ सकती है . आमतौर पर इस अवस्था में उंगलियों की त्वचा का रंग लाल हो जाता है, लेकिन कभी-कभी उंगलियों का रंग गहरा भी हो सकता है . वहीं कई बार ज्यादा खुजली होने पर उंगलियों को ज्यादा खुजलाने पर या कई बार ज्यादा सूजन के कारण उंगलियों में घाव भी हो सकते हैं. वह बताते हैं कि कभी-कभी विंटर एलर्जी या लगातार काफी देर तक ऊनी मौजे पहनने तथा ऊन से होने वाली एलर्जी के पांव की त्वचा पर असर के कारण भी यह समस्या हो सकती है. डॉक्टर रितेश चौधरी बताते हैं कि सामान्य तौर पर कुछ बातों का ध्यान रहने से इस अवस्था में काफी आराम मिल सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार है.