सिडनी : जब हम मनोभ्रंश या डिमेंशिया (dementia) के बारे में सोचते हैं, तो यह सोचकर परेशान हो जाते हैं कि बीमारी पर नियंत्रण मुमकिन नहीं है, लेकिन राहत देने वाली खबर यह है कि अगर हम अपनी स्वास्थ्य आदतों को बदल दें तो 40% तक डिमेंशिया को रोका जा सकता है या इसमें देरी की जा सकती है. लगभग पांच लाख ऑस्ट्रेलियाई डिमेंशिया के साथ जी रहे हैं. इलाज के बिना, यह संख्या 2058 तक एक करोड़ 10 लाख तक पहुंचने की आशंका है. मनोभ्रंश के जोखिम से जुड़े कारकों में हृदय और रक्त वाहिकाओं से जुड़ी समस्याएं, जिसमें उच्च रक्तचाप, उच्च रक्त शर्करा, अधिक वजन और धूम्रपान शामिल हैं.
प्रदाह और ऑक्सीडेटिव तनाव (जहां सुरक्षात्मक एंटीऑक्सिडेंट हानिकारक फ्री रेडिकल्स के खिलाफ अपनी लड़ाई हार जाते हैं) इसके अन्य कारण हैं. यह रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाता है और मस्तिष्क में रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को कम करता है. पर्याप्त ऑक्सीजन के बिना, मस्तिष्क कोशिकाएं प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर पाती हैं और अंततः मर जाती हैं. कम रक्त प्रवाह भी मस्तिष्क को मनोभ्रंश के रूप में देखे जाने वाले प्लाक और टेंगल्स के प्रति संवेदनशील बना देता है, लेकिन अपनी आदतों को बदलकर हम दिल की सेहत में सुधार कर सकते हैं और डिमेंशिया के खतरे को कम कर सकते हैं. यहां जीवनशैली में किए जाने वाले पांच बदलाव के बारे में बताया गया है, जो इस संबंध में मददगार हो सकते हैं.
1.हर हफ्ते 2-3 बार तैलीय मछली खाएं:जैसे सैल्मन, सार्डिन और मैकेरल ओमेगा -3 पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड से भरपूर होते हैं. ओमेगा -3 के प्रदाह रोधी प्रभाव होते हैं और इसमें रक्तचाप को काफी कम करने का प्रभाव देखा गया है. हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं की संरचना और कार्य को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए ओमेगा -3 की भी आवश्यकता होती है और इसमें 'आवश्यक पोषक तत्व' होते हैं. इसका मतलब है कि हमें उसे अपने आहार से प्राप्त करने की आवश्यकता है. यह विशेष रूप से बढ़ती उम्र में ज्यादा जरूरी है, क्योंकि ओमेगा -3 सेवन में कमी को संज्ञानात्मक गिरावट की तेज दर से जोड़ा गया है.
2. हर भोजन के साथ पौधों से प्राप्त खाद्य पदार्थ खाएं. पौधों से मिलने वाले खाद्य पदार्थ जैसे पत्तेदार साग, जैतून का तेल, ब्लूबेरी, सूखे मेवे और दालें इनमें पॉलीफेनोल्स, फ्लेवोनोइड्स, कैरोटेनॉयड्स, विटामिन सी और विटामिन ई सहित विटामिन और खनिजों की एक श्रृंखला होती है. इन सूक्ष्म पोषक तत्वों में एंटीऑक्सिडेंट और प्रदाह विरोधी प्रभाव दोनों होते हैं जो हमारे रक्त वाहिकाओं के कामकाज की रक्षा और उनमें सुधार करते हैं. पौधों से प्राप्त आहार रक्तचाप, ग्लूकोज विनियमन और शरीर संरचना में सुधार करने में सहायक पाया गया है, और संज्ञानात्मक गिरावट की कम दर, मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने और डिमेंशिया के कम जोखिम से भी जुड़ा हुआ है.
3. प्रसंस्कृत भोजन कम खाएं:दूसरी ओर, सैचुरेडेड फैट्स अर्थात संतृप्त वसा, परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट और लाल और प्रसंस्कृत मांस को प्रदाह मार्ग को ट्रिगर करने वाला माना जाता है और अत्यधिक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ उच्च रक्तचाप, टाइप 2 मधुमेह और मोटापे से जुड़े हुए हैं.